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NO HORN IN SILENCE ZONE : सत्या फाउंडेशन का अनोखा अभियान, हॉर्न नियमों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए किया रोड शो

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वाराणसी। सत्या फाउंडेशन ने शनिवार को वाराणसी के रथयात्रा चौराहे पर हॉर्न नियमों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक अनूठा रोड शो आयोजित किया। दोपहर 3 बजे से शाम 5:30 बजे तक चले इस कार्यक्रम में संस्था की आठ सदस्यीय टीम ने रंग-बिरंगे डिस्प्ले बोर्ड के साथ लोगों को जागरूक किया।

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कार्यक्रम की खास बात यह रही कि जैसे ही ट्रैफिक सिग्नल की रेड लाइट जलती, संस्था के सदस्य रुके हुए वाहनों के सामने बोर्ड लेकर खड़े हो जाते और उन पर लिखे संदेशों को पढ़ाते। जनता ने भी इस पहल का स्वागत किया। कई लोगों ने हाथ उठाकर, अंगूठा दिखाकर और तस्वीरें खींचकर इस जागरूकता अभियान का समर्थन किया।

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कार्यक्रम के दौरान चार प्रमुख संदेशों वाले बोर्ड लगाए गए, जिनमें जागरूकता के विभिन्न पहलुओं को रेखांकित किया गया:

  1. साइलेंस जोन में शांति का आग्रह: "NO HORN IN SILENCE ZONE" संदेश के साथ बताया गया कि स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, धार्मिक स्थल और कोर्ट-कचहरी जैसे क्षेत्रों में हॉर्न बजाना कानूनन अपराध है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 के तहत ऐसा करने पर ₹1 लाख तक जुर्माना या 5 साल की सजा हो सकती है।
  2. समय पर निकलने का सुझाव:

"घर से 10 मिनट पहले निकलें और बेवजह हॉर्न न बजायें।"

  1. शादी-बारात से संबंधित नियम:

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश (26.09.2019) का हवाला देते हुए बताया गया कि बारात सड़क पर 100 मीटर से अधिक नहीं घूमाई जा सकती। उल्लंघन पर पुलिस कार्रवाई कर सकती है।

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  1. कुत्ते से जुड़ा रोचक संदेश:

एक कुत्ते की तस्वीर के साथ लिखा था, "कुत्ता भी बेवजह नहीं भौंकता, कृपया बेवजह हॉर्न/हूटर न बजायें।" यह संदेश लोगों का ध्यान सबसे ज्यादा आकर्षित कर रहा था।

पुलिस और फाउंडेशन का सहयोग

कार्यक्रम में वाराणसी ट्रैफिक पुलिस का विशेष सहयोग रहा। ट्रैफिक इंस्पेक्टर (TSI) बब्बन सिंह, कांस्टेबल गौतम कुमार यादव, महिला कांस्टेबल कालिंदी और होमगार्ड दिलीप कुमार, जयराम दुबे, अजय कुमार पांडेय सहित कई पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

सत्या फाउंडेशन की ओर से जसबीर सिंह बग्गा, विजय मिश्रा, अनूप जायसवाल, राजा बाबू मौर्य, अंकित गुप्ता, बाबू कुमार, अमित कुमार गुप्ता और संस्था के सचिव चेतन उपाध्याय ने सक्रिय भूमिका निभाई।

यह जागरूकता अभियान लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। इस पहल ने न केवल हॉर्न बजाने के नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाई बल्कि साइलेंस जोन में शांति बनाए रखने के महत्व को भी रेखांकित किया।

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