
एनजीटी ने बीएचयू पर लगाया जुर्माना, अवैध पेड़ कटाई पर 20 गुना पौधरोपण का आदेश
अवैध पेड़ कटाई मामले में पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति वसूलेगा यूपीपीसीबी, चंदन पेड़ चोरी पर संदेह

Updated: Aug 12, 2025, 08:41 IST

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वाराणसी, भदैनी मिरर। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) पर अवैध पेड़ कटाई मामले में सख्त रुख अपनाते हुए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि वसूले जाने और हर एक गिरे पेड़ के बदले 20 नए पेड़ लगाने का आदेश दिया है। साथ ही, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) को तीन महीने के भीतर जुर्माने का आकलन कर वसूली करने का निर्देश दिया गया है।


सोमवार को एनजीटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेथिंल वेल की पीठ ने यह आदेश सुनाया। याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी ने मामले की पैरवी की।
बीएचयू की दलील खारिज
सुनवाई के दौरान बीएचयू ने दावा किया कि जिन 12 पेड़ों को गिराया गया, वे खतरनाक हो चुके थे, लेकिन एनजीटी ने इस दलील को खारिज कर दिया। आदेश में यह भी उल्लेख किया गया कि चंदन के पेड़ों की चोरी का मामला संदेहास्पद है।



एनजीटी ने यूपीपीसीबी को निर्देश दिया कि बीएचयू को सुनवाई का मौका देते हुए तीन महीने में पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि निर्धारित करे और वसूले।
पौधरोपण अभियान की शर्तें
अधिकरण ने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय के पौधरोपण अभियान का मतलब यह नहीं है कि वह पूरी तरह विकसित और स्वस्थ पेड़ों को अवैध रूप से काट सकता है।


इस आदेश के बाद बीएचयू प्रशासन पर पर्यावरणीय मानकों का सख्ती से पालन करने और वृक्ष संरक्षण को प्राथमिकता देने का दबाव बढ़ गया है।

