
राष्ट्रवादी हिन्दू शक्ति वाहिनी ने फूंका बंगाल की सीएम का पुतला, राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा
राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग, हिंसा पीड़ित हिंदू समाज के पक्ष में सख्त कार्रवाई की मांग




रिपोर्ट- वीरेंद्र पटेल
वाराणसी, भदैनी मिरर। पश्चिम बंगाल में हाल ही में हिंदू समाज पर हो रहे सुनियोजित और संगठित हमलों को लेकर राष्ट्रवादी हिन्दू शक्ति वाहिनी ने राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मु के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी वाराणसी के माध्यम से सौंपा। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप कुमार गुप्ता ने ज्ञापन के माध्यम से पश्चिम बंगाल में व्याप्त भयावह स्थिति, प्रशासन की विफलता और हिन्दू समाज पर हो रहे अत्याचारों की ओर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर उनका ध्यान आकृष्ट किया। इसके पहले संगठन के लोग जिला मुख्यालय पहुंचकर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की।

मंदिरों को बनाया जा रहा निशाना, महिलाओं पर अत्याचार
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि मुर्शिदाबाद, बीरभूम, उत्तर 24 परगना जैसे जिलों में कट्टरपंथी तत्वों द्वारा मंदिरों को अपवित्र किया जा रहा है। हिंदू परिवारों को जबरन पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है, युवाओं की हत्या की जा रही है और महिलाओं के साथ अमानवीय दुर्व्यवहार हो रहा है।


प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह फेल – ज्ञापन में गंभीर आरोप
राष्ट्रवादी हिन्दू शक्ति वाहिनी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार एवं पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से निष्क्रिय है। कई स्थानों पर पीड़ितों को न्याय देने के बजाय, पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है, जिससे लोगों का भरोसा प्रशासन से उठ गया है।

राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग
ज्ञापन में यह साफ तौर पर कहा गया कि राज्य में संविधान के अनुच्छेद 356 के अंतर्गत राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि वहां की सरकार संविधान की भावना और नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा करने में असफल रही है।
प्रमुख मांगे:
1. पश्चिम बंगाल सरकार को तुरंत बर्खास्त किया जाए।
2. हिंसाग्रस्त क्षेत्रों को राष्ट्रीय सुरक्षा बलों के हवाले किया जाए।
3. दंगों और हमलों में शामिल लोगों पर NSA जैसे सख्त कानूनों के तहत कार्रवाई हो।
4. हिंदू समाज को सुरक्षा और न्याय दिलाया जाए व पलायन की स्थिति पर रोक लगे।
ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान संगठन के अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो देशव्यापी जनजागरण और विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की जाएगी।

