पूर्व सीएम मुलायम सिंह पर विवादित टिप्पणी करना महंत राजूदास को पड़ सकता है महंगा, दर्ज हो सकता है देशद्रोह का केस, वाराणसी कोर्ट ने भेजा नोटिस




वाराणसी। महाकुंभ के दौरान समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास को भारी पड़ सकता है। इस मामले में वाराणसी की अदालत ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर महंत को नोटिस जारी किया है और 23 अप्रैल को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। उक्त जानकारी अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिंह यादव ने शनिवार को कचहरी परिसर स्थित अंबेडकर पार्क में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी।

इस दौरान अधिवक्ता प्रेम प्रकाश ने बताया कि महंत राजूदास ने 20 जनवरी 2025 को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिमा की एक तस्वीर शेयर करते हुए आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था। पोस्ट में लिखा गया था – “अगर आप कुम्भ मेले में जा रहे हैं तो इस कठमुल्ले के ऊपर जरूर मूत के जाएं।”

इस टिप्पणी के बाद विभिन्न संगठनों ने विरोध जताया था और इसे समाज में वैमनस्य फैलाने वाला बताया था। अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिंह ने बताया कि इस बयान से आहत होकर उन्होंने न्यायालय में परिवाद दाखिल किया, जिसके आधार पर सिविल जज (सी.डी.) दुतगामी न्यायालय ने मामला संख्या 2461/2025 में सुनवाई करते हुए वादी व अन्य गवाहों – डॉ. संजय सोनकर, डॉ. राहुल यादव, एडवोकेट जितेंद्र विश्वकर्मा – के बयान दर्ज किए।

इसके बाद अदालत ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं 152, 196, 197, 298, 299, 351, 353, 356 तथा आईटी एक्ट के तहत नोटिस जारी कर महंत राजूदास को 23 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।
प्रेम प्रकाश सिंह ने आरोप लगाया कि महंत का यह बयान देश की अखंडता, एकता और सामाजिक सौहार्द पर हमला है। उन्होंने मांग की कि राजूदास को देशद्रोह व अन्य गंभीर अपराधों के तहत जेल भेजा जाए और उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी जाए।
पत्रकार वार्ता को एडवोकेट कमलेश यादव, एडवोकेट अशोक, एडवोकेट राजेश गुप्ता, अरुण कुमार प्रेमी, डॉ. संजय सोनकर, डॉ. राहुल यादव, एडवोकेट पंकज यादव और एडवोकेट सुनील ने भी संबोधित किया।

