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लखनऊ DRM सुनील कुमार वर्मा ने वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन स्टेशन का किया निरीक्षण, यात्रियों की सुविधा और स्वच्छता व्यवस्था पर दिए सख्त निर्देश

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वाराणसी, भदैनी मिरर। लखनऊ मंडल के नए डीआरएम सुनील कुमार वर्मा ने शनिवार को वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन का दौरा किया। अपने निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्टेशन की साफ-सफाई, यात्री सुविधाएं और वंदे भारत ट्रेनों के मेंटेनेंस को लेकर ज़मीनी हालातों का जायज़ा लिया।

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दो हफ्ते पहले ली जिम्मेदारी

मीडिया से बात करते हुए डीआरएम वर्मा ने कहा कि उन्होंने दो सप्ताह पहले लखनऊ डिवीजन में वाराणसी स्टेशन की जिम्मेदारी संभाली है और यह उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि बनारस न केवल ट्रेनों के संचालन की दृष्टि से बल्कि यात्रियों की संख्या के मामले में भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्टेशन है।

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साफ-सफाई और यात्री सुविधाओं पर विशेष ध्यान

डीआरएम ने प्लेटफार्म और सर्कुलेटिंग एरिया का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि यहां पहले सफाई को लेकर शिकायतें आती थीं, खासकर कनकोर्स एरिया में यूरिनल और टॉयलेट्स को लेकर। इसके समाधान के लिए एक नया यूनिलर्स ब्लॉक तैयार किया गया है जिसमें तीन यूरिनल्स की व्यवस्थित व्यवस्था की गई है, जिससे अब गंदगी की समस्या ना हो और स्टेशन का लुक बेहतर बना रहे।

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वंदे भारत ट्रेनों की वॉशिंग लाइन का निरीक्षण

डीआरएम सुनील वर्मा ने वाराणसी से काशी के बीच ट्रैक का निरीक्षण भी किया। उन्होंने वॉशिंग लाइन का जायज़ा लिया जहां दो नई वंदे भारत ट्रेनों की वॉशिंग और मेंटेनेंस की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके पूरा होते ही वंदे भारत समेत अन्य ट्रेनों की मेंटेनेंस क्षमता में बढ़ोतरी होगी और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी।

काशी में नए फोर लाइन ब्रिज का निरीक्षण

उन्होंने काशी स्टेशन पर प्रस्तावित चार ट्रैक वाले नए ब्रिज का निरीक्षण भी किया और वहां चल रहे निर्माण कार्यों को जल्द से जल्द पूरा कराने की बात कही। डीआरएम ने कहा कि सेकंड एंट्री पर सुविधाओं की कमी को दूर करने और यात्री अनुभव बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

स्टेशन ट्रैफिक को आसान बनाने की योजना

सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि स्टेशन क्षेत्र में यातायात को सुगम बनाने के लिए मास्टर प्लान पर काम चल रहा है। इसके तहत पैदल यात्रियों, टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर वाहनों के लिए अलग-अलग मार्ग और पार्किंग की योजना पर काम किया जा रहा है ताकि फेस्टिवल सीजन में भीड़ को बेहतर ढंग से संभाला जा सके।

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वंदे भारत की संख्या बढ़ाने की कोशिश

डीआरएम ने यह भी कहा कि अगर रेलवे बोर्ड से अनुमति मिलती है और यात्री मांग रहती है, तो वंदे भारत जैसी हाई-स्पीड ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि हमारी वॉशिंग और मेंटेनेंस क्षमता इतनी हो कि कोई भी अतिरिक्त ट्रेन संचालन का ज़िम्मा हमें मिले, तो हम उसे आसानी से निभा सकें।”

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