
भगवान जगन्नाथ को लगा काढ़े का भोग, भक्तों में बंटा प्रसाद
भक्तों के अत्यधिक स्नान कराने से भगवान हो गये हैं बीमार




वर्षों पुरानी परम्परा के तहत भगवान को लगाया जाता है औषधीयुक्त काढ़े का भोग
वाराणसी, भदैनी मिरर। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को भक्तों द्वारा अत्यधिक स्नान करा देने के कारण भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा एवं भाई बलभद्र बीमार पड़ गए हैं और एक पखवाड़ा यानी 15 दिनों के लिए आराम करने के लिए चले गए हैं।
ऐसे में बीमार भगवान के स्वास्थ्य लाभ के लिए गुरूवार आषाढ़ मास की प्रतिपदा तिथि पर भगवान को काढे़ का भोग लगाया गया। मंदिर के प्रधान पुजारी राधेश्याम पांडेय ने कच्ची चीनी, छोटी इलायची, बड़ी इलायची, जायफर, दालचीनी, तुलसी का पत्ता, गुलाब जल एवं चंदन के अर्क को मिलाकर काढ़ा बनाया और उसे भगवान को भोग लगाया। इसके पश्चात भक्तों में काढ़ा प्रसाद का वितरण किया गया। मंदिर ट्रस्ट के सचिव शैलेश त्रिपाठी की देख रेख में ट्रस्टी सदस्यों ने भक्तों में काढे़ का वितरण किया। वर्षों पुरानी परम्परा के तहत भगवान के स्वास्थ्य लाभ के समय एक पखवाड़े 15 दिनों तक उनको विभिन्न प्रकार के औषधीययुक्त काढे का भोग लगाया जाता है।


सचिव शैलेश त्रिपाठी ने बताया कि आज पहले दिन भगवान को काढ़ा अर्पित किया गया और इसके पश्चात भक्तों में प्रसाद का वितरण हुआ। इस अवसर उत्कर्ष श्रीवास्तव, आशु त्रिपाठी, हिमांशु राय, दिलीप मिश्रा संदीप गोंड़ आदि रहे। गौरतलब है कि भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का यह मंदिर अस्सी मोहल्ले में स्थित है। अब यहां 15 दिन तक काढ़ा आदि ग्रहण करने के बाद भगवान भाई और बहन के साथ विहार करने निकलेंगे। इसके बाद रथयात्रा मेले मे तीन दिनों तक भक्तों को दर्शन देंगे।



