फायर स्टेशन चेतगंज में CPR का लाइव प्रदर्शन, फायर कर्मियों को बताया हार्ट अटैक आने पर कैसे करें बचाव




वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी के फायर स्टेशन चेतगंज में शनिवार को राजकीय चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी ने मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत और फायर सर्विस विभाग के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) के महत्व को लेकर लाइव प्रस्तुति दी। उन्होंने कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में पहले तीन मिनट को ‘गोल्डन टाइम’ बताते हुए इसे मरीज के जीवन रक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय करार दिया।


CPR से बच सकती हैं जिंदगियां: डॉ. द्विवेदी
डॉ. द्विवेदी ने बताया कि कोरोना के बाद कार्डियक अरेस्ट के मामलों में भारी इजाफा हुआ है। नृत्य और व्यायाम के दौरान भी हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं, जिससे कई लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने बताया कि पहले तीन मिनट में CPR देने से मरीज की जान बच सकती है।

- अगर मस्तिष्क को 5 मिनट तक ऑक्सीजन नहीं मिले, तो ब्रेन डेथ हो सकती है।
- CPR से मरीज के दिल की धड़कन और सांसें लौट सकती हैं।
- जब तक एंबुलेंस न पहुंचे या मरीज अस्पताल न पहुंचे, CPR जारी रखना जरूरी है।
- लाइव डेमो में फायरकर्मियों को सिखाई CPR तकनीक
- प्रशिक्षण के दौरान मानव शरीर की डमी पर CPR का लाइव प्रदर्शन किया गया।

CPR देने की प्रक्रिया:
- पीड़ित को ठोस सतह पर लिटाएं।
- नाक और गले की जांच करें कि सांस लेने में कोई रुकावट तो नहीं।
- दोनों हाथों की मदद से छाती के बीच में 100-120 बार प्रति मिनट दबाव दें।
- हर 30 कंप्रेशन के बाद, पीड़ित को 2 बार सांस दें।
- यह प्रक्रिया तब तक दोहराएं जब तक मरीज को अस्पताल न पहुंचा दिया जाए।
- हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर
- डॉ. द्विवेदी ने हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बीच अंतर को स्पष्ट करते हुए बताया:
हार्ट अटैक:
जब दिल की धमनियों में रुकावट आ जाती है, तो दिल तक खून का प्रवाह रुक जाता है। इस स्थिति में दिल धड़कना बंद नहीं करता, लेकिन ऑक्सीजन की कमी से हृदय की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है।
कार्डियक अरेस्ट:
जब दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है, तो इसे कार्डियक अरेस्ट कहते हैं। इससे दिमाग और अन्य महत्वपूर्ण अंगों तक खून पहुंचना रुक जाता है, जिससे मरीज की तत्काल मृत्यु हो सकती है। CPR और डिफाइब्रिलेटर के जरिए बिजली के झटके देकर मरीज की जान बचाई जा सकती है।

फायर सर्विस कर्मियों के लिए CPR ट्रेनिंग क्यों जरूरी?
डॉ. द्विवेदी ने कहा कि CPR की जानकारी आमजन तक पहुंचाना बेहद जरूरी है, खासतौर पर उन लोगों तक, जो आपातकालीन सेवाओं से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि फायर सर्विस विभाग के प्रशिक्षित कर्मी जरूरत पड़ने पर लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
2024 में अग्निशमन विभाग ने काशी विश्वनाथ मंदिर से 800 लोगों को रेस्क्यू किया था। 2025 में अब तक 172 लोगों को मंदिर परिसर से सुरक्षित निकाला गया है।
CPR सीखें, जीवन बचाएं!
कार्यक्रम के अंत में डॉ. शिवशक्ति द्विवेदी ने CPR को आमजन के लिए जीवन रक्षक तकनीक बताते हुए सभी को इसे सीखने और सिखाने का आग्रह किया। फायर सर्विस के कर्मियों को इस तकनीक में प्रशिक्षित कर भविष्य में होने वाली आपात स्थितियों में जान बचाने के लिए तैयार किया जा रहा है।

