अधिवक्ता पुत्र की हत्या के विरोध में डीएम व सीपी कार्यालय के बाहर वकीलों का विरोध प्रदर्शन
वकीलों ने निकाला जुलूस, पांच सूत्री मांगों से सम्बंधित सौंपा ज्ञापन




पुलिस पर तहरीर बदलने का गंभीर आरोप, थाना प्रभारी के निलम्बन की मांग
मुख्य आरोपितों को बचाने के प्रयास का भी लगाया आरोप
वाराणसी, भदैनी मिरर। शिवपुर थाना क्षेत्र के ज्ञानदीप इंग्लिश स्कूल के पास कमरे में वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश चंद्र के बेटे हेमंत सिंह की गोली मारकर हत्या से बुधवार को वकीलों में जबर्दस्त गुस्सा था। पुलिस प्रशासन के खिलाफ जबर्दस्त नारेबाजी करते हुए वकील नवागत डीएम और पुलिस कमिश्नर के कार्यालय पहुंचे। दोनों अधिकारियों को अपनी मांगों से सम्बंधित पांच सूत्री ज्ञापन सौंपा। शिवपुर थाना प्रभारी निरीक्षक पर मामले की लीपापोती करने, मुख्य आरोपितों को बचाने, निर्दोंषों को फंसाने समेत कई गंभीर आरोप लगाये। उन्होंने शिवपुर थाना प्रभारी निरीक्षक को तत्काल निलम्बित करने और मामले की जांच किसी राजपत्रित अधिकारी से कराने की मांग की। कहाकि यदि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नही हुआ तो अधिवक्ता समाज बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

शशांक और किशन को भी बना दिया मुल्जिम
आपको बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्त कैलाश चंद्र के बेटे की हत्या से नाराज अधिवक्ता बुधवार को हड़ताल पर रहे। उन्होंने परिसर में जुलूस निकाला। इसके बाद पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद, पुलिस प्रशासन हाय-हाय के नारे लगाते हुए अधिवक्ता बारी-बारी से दोनों अधिकारियों के कार्यालय पहुंचे। अधिवक्ताओं ने ज्ञापन में कहाकि अधिवक्ता पुत्र हेमंत सिंह को स्कूल प्रबंधक राज विजेंद्र सिंह और उनके बेटे रवि सिंह ने साजिश के तहत मंगलवार की दोपहर करीब 1.30 बजे फोन कर उसे अपने यहां बुलाया। इसके बाद हेमंत अपने पिता की बाइक लेकर उनके यहां पहुंचा। हेमंत के साथ उसके दोस्त शशांक और किशन भी गये थे। हेमंत को कमरे में बुलाया गया। इस दौरान लाइसेंसी पिस्टल से उसके कनपटी में गोली मार दी गई। गोली चलने की आवाज सुनकर शशांक और किशन कमरे में पहुंचे तो वह लहूलुहान पड़ा था। आनन-फानन में परिवारवालों को सूचित करने के लिए ही सहयोगी उसे अस्पताल ले गये। उसे बीएचयू ट्रामा सेंटर ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन इस घटना का सबसे शर्मानाक पहलू यह है कि पीड़ित पक्ष ने मुकदमा दर्ज कराने के लिए जो तहरीर दी गई उसे बदल दिया गया। उनका आरोप है कि छात्र हेमंत को प्रबंधक राज विजेंद्र सिंह और उनके बेटे राज सिंह ने गोली मारी है। लेकिन पुलिस ने घटनास्थल पर मौजूद शशांक और किशन को भी मुल्जिम बना दिया।

सेंट्रल व बनारस बार की हुई हंगामी बैठक
कहाकि शिवपुर थाना प्रभारी तहरीर बदल कर आरोपितों को लाभ पहुंचाना चाहते हैं। इसलिए शिवपुर थाना प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाय। गौरतलब है कि विरोध प्रदर्शन से पहले दी सेंट्रल बार एसोसिएशन और दी बनारस बार एसोसिएशन की बैठक हुई। इस हंगामी बैठक के बाद पांच विदुओं पर प्रस्ताव पारित हुआ और इसके बाद वकील डीएम और कमिश्नर से मिले थे। अधिवक्ताओं का कहना है कि अधिकारियों ने उनकी मांगें मान ली हैं।

क्या है वकीलों की मांगें
1. शिवपुर थाना प्रभारी को तत्लाल निलम्बित किया जाय।
2. घटनास्थल पर मौजूद दो लड़कों को मुल्जिम बनाने के मामले की जांच कराकर निष्पक्ष विवेचना की जाय।
3. घटना में प्राचार्य और अन्य मूल सूत्रधार को गिरफ्तार किया जाय।
4. पीड़ित अधिवक्ता के परिवार को एक करोड़ रूपये मुआवजा प्रदेश सरकार अविलम्ब दे।
5. पुलिस आयुक्त इस घटना की विवेचना किसी राजपत्रित अधिकारी से कराएं।
हेमंत को घर से बुलाकर मारी गई गोली
बता दें कि हेमंत सिंह सिंधोरा थाना क्षेत्र के मरूई गांव निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश चंद्र वर्मा का बेटा था। वह शिवपुर थाना क्षेत्र के नटिनिदाई स्थित ज्ञानदीप इंग्लिश स्कूल के इंटर का छात्र था। छात्र स्कूल के पास ही कमरा लेकर रहता था। मंगलवार की दोपहर वह खाना खा रहा था। इसी दौरान प्राचार्य रवि सिंह को फोन आया। उन्होंने उसे अपने यहां बुलाया। इसके बाद हेमंत रवि सिंह के यहां पहुंचा था। उसके साथ शशांक और किशन भी गये थे। बताया जाता है कि दोनों बाहर खड़े थे तभी अंदर गोली चलने की आवाज आई। शशांक और किशन ने अंदर जाकर देखा तो हेमंत के कनपटी में गोली मारी गई थी। अस्पताल में छात्र की मौत के बाद कई अधिवक्ता थाने पहुंचे थे। पुलिस एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी। जब अधिवक्ताओं ने हंगामा किया तो पुलिस ने रवि सिंह के साथ शशांक और किशन को भी मुल्जिम बनाते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज किया। लेकिन मृत छात्र के पिता का कहना है कि उनकी तहरीर बदल दी गई। इस मामले में पुलिस की मंशा ठीक नही है। थाना प्रभारी की भूमिका संदिग्ध है। जब यह जानकारी कचहरी में अधिवक्ताओं को हुई तो उनका पारा चढ़ गया। इसके बाद न्यायिक कार्य से विरत रहने के साथ वकील हड़ताल पर चले गये।

