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मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी, वाराणसी में ला नीना का दिखेगा असर कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार

बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक बोले - प्रशांत महासागर में ला नीना की स्थिति बनने से उत्तर भारत में बढ़ेगी सर्दी की तीव्रता, अक्टूबर की शुरुआत में ही महसूस होने लगी ठंडक।

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वाराणसी। मानसून सीजन के खत्म होते ही काशी में अब ठंड ने दस्तक दे दी है। सुबह-शाम हवा में ठिठुरन और तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। इस बीच मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार उत्तर भारत में सर्दी का असर सामान्य से अधिक रहेगा। दरअसल, प्रशांत महासागर में बन रही ला नीना (La Niña) की स्थिति के चलते ठंड की तीव्रता बढ़ने के आसार हैं।
बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. राजीव भाटला के मुताबिक, प्रशांत महासागर के भूमध्यरेखीय क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से नीचे चला गया है। इसे ही ‘ला नीना’ की स्थिति कहा जाता है। इसका सीधा असर एशियाई देशों के मौसम पर पड़ता है, जिसके चलते इस बार पूर्वांचल समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है।
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उन्होंने बताया कि ला नीना के दौरान ठंडी हवाएं अधिक सक्रिय होती हैं और वायुमंडल में नमी बढ़ जाती है। यही कारण है कि अक्टूबर की शुरुआत में ही गुलाबी ठंड महसूस होने लगी है।
मौसम विभाग के अनुसार, जुलाई से अक्तूबर तक सामान्यतः 910 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार चार महीनों में लगभग 1000 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। अधिक बारिश के बाद हवा में नमी बनी हुई है, जिससे तापमान तेजी से गिरने लगा है।
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दशहरे के बाद से ही मौसम ने करवट ली है। सितंबर के अंतिम सप्ताह तक जहां दिन में तेज धूप रही, वहीं अक्तूबर की शुरुआत में ही धूप का असर कम और नमी अधिक महसूस की जा रही है। शनिवार को वाराणसी का अधिकतम तापमान औसत से 1 डिग्री कम होकर 32.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, जैसे-जैसे नवंबर नजदीक आएगा, रात के तापमान में गिरावट तेज होगी और इस बार बनारस समेत पूरे पूर्वांचल में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है।
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