
फर्जी FIR के विरोध में काशी विद्यापीठ के छात्रों ने प्रशासनिक भवन के सामने फूंका कुलपति का पुतला, तीन मांगों को लेकर 22 दिनों से कर रहे प्रदर्शन




वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में मंगलवार को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने छात्र नेताओं ने कुलपति का पुतला दहन कर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि कुछ दिन पहले परीक्षा सेल का पुतला फूंका गया था, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे कुलपति का पुतला बताकर एक छात्र नेता पर झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया।


तीन प्रमुख मांगों को लेकर 22 दिन से जारी है प्रदर्शन
छात्र नेताओं और छात्रों का कहना है कि वे पिछले 22 दिनों से तीन प्रमुख मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं, जिनमें शामिल हैं:
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मेरिट आधारित एडमिशन प्रक्रिया को रद्द किया जाए।
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पेड सीट की संख्या 50% से घटाकर 30% की जाए।
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एडमिशन फीस में की गई बढ़ोतरी को वापस लिया जाए।
शनिवार को इन्हीं मांगों के समर्थन में छात्रों ने परीक्षा सेल का पुतला फूंका था और कई विभागों की कक्षाएं बंद करवा दी थीं।
छात्र नेताओं का आरोप: प्रशासन ने झूठा मुकदमा दर्ज कराया
छात्र नेता शिवम् यादव ने बताया कि, “हमने सिर्फ परीक्षा सेल का पुतला फूंका था, लेकिन प्रशासन ने जानबूझकर इसे कुलपति का पुतला बता दिया और हमारे साथी करन प्रजापति पर झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया। आरोप है कि उन पर जान से मारने की धमकी देने और विश्वविद्यालय की गरिमा भंग करने का आरोप लगाया गया है।”


इस घटना के विरोध में मंगलवार को छात्रों ने वास्तव में कुलपति का पुतला फूंका, और चेतावनी दी कि “अब चाहे हम पर कितनी भी एफआईआर करवा दी जाएं, हम पीछे हटने वाले नहीं हैं।”
जेल जाना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटेंगे: करन प्रजापति
छात्र नेता करन प्रजापति ने साफ कहा, “विश्वविद्यालय प्रशासन सोचता है कि मुकदमा लादकर हम आंदोलन खत्म कर देंगे, लेकिन यह उनकी गलतफहमी है। एडमिशन प्रक्रिया में हो रहा भ्रष्टाचार अब नहीं चलने देंगे। भले ही हमें जेल जाना पड़े, हम तब भी अपनी तीनों मांगों को मनवाकर रहेंगे।”


