
काशी विद्यापीठ में 29 दिन से धरने पर बैठे 9 छात्रों को पुलिस ने लिया हिरासत में, हुई नोकझोंक, शांतिभंग में भेजे गए जेल




वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी विद्यापीठ में मेरिट आधारित प्रवेश प्रणाली के खिलाफ 29 दिनों से धरना दे रहे छात्रों में से 9 को मंगलवार की रात पुलिस ने हिरासत में ले लिया। आधी रात के बाद हुई इस अचानक कार्रवाई से प्रदर्शन स्थल पर अफरा-तफरी मच गई।
आधी रात में पुलिस कार्रवाई, छात्रों में हड़कंप
मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और दरोगाओं ने एक-एक कर प्रदर्शनकारी छात्रों को वहां से हटाया। छात्रों ने विरोध जताया और अपने साथियों को बुलाने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस के सख्त रुख के आगे उनकी एक न चली। सिगरा थाना पुलिस और काशी विद्यापीठ चौकी प्रभारी की अगुवाई में सभी छात्रों को कबीरचौरा अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिक मेडिकल परीक्षण कराया गया। सूचना पाकर कुछ छात्र वहां भी पहुंचे।


पुलिस ने इन सभी 9 छात्रों पर “शांति भंग” की धाराओं में केस दर्ज करते हुए दावा किया कि वे विश्वविद्यालय की काउंसलिंग प्रक्रिया में बाधा पहुंचा रहे थे। सभी छात्रों को आज मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा। इस कार्रवाई को लेकर विद्यार्थियों में भारी नाराजगी है।


जानें पूरा मामला
बता दें कि, काशी विद्यापीठ में इस वर्ष (सत्र 2025-26) से मेरिट आधारित प्रवेश लागू किया गया है। इसके विरोध में छात्र यूनियन और अन्य छात्र संगठन पिछले 29 दिनों से आंदोलनरत हैं। भूख हड़ताल को 5 दिन हो चुके हैं, और कुछ छात्रों की तबीयत भी बिगड़ने लगी है।

छात्रों की प्रमुख मांगें:
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प्रमुख पाठ्यक्रमों में प्रवेश परीक्षा कराई जाए, खासकर वहां जहां सीटों से अधिक आवेदन आए हैं।
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पेड सीटों की संख्या घटाकर पुनः 33% की जाए, जो वर्तमान में 50% तक कर दी गई है।
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बढ़ाए गए प्रवेश शुल्क को वापस लिया जाए।
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विश्वविद्यालय में केवल मेरिट से प्रवेश की नीति को हटाया जाए क्योंकि इससे प्रतिभावान छात्रों के साथ अन्याय होगा।
खुद को जंजीरों में बांधकर जताया विरोध
बीते सोमवार छात्रों ने विरोध दर्ज कराने के लिए खुद को जंजीरों में जकड़ लिया था। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रहा है और कोई ठोस संवाद नहीं कर रहा।
पोस्टर बैन से छात्रों में असंतोष
प्रदर्शन के बीच विद्यापीठ प्रशासन ने परिसर में किसी भी प्रकार के पोस्टर लगाने पर रोक लगा दी है। कुलानुशासक की ओर से जारी आदेश में चेतावनी दी गई है कि आपत्तिजनक पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किन पोस्टरों को "आपत्तिजनक" की श्रेणी में रखा जाएगा।
काशी विद्यापीठ में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर उठा विवाद अब छात्रों और प्रशासन के बीच सीधी टकराव की स्थिति में है। देर रात पुलिस की कार्रवाई से आंदोलन और तेज होने की संभावना है। आने वाले दिनों में यह आंदोलन छात्रों के भविष्य और विश्वविद्यालय की छवि दोनों के लिए चुनौती बन सकता है।

