निजीकरण के खिलाफ PVVNL कार्यालय के बाहर प्रदर्शन, जूनियर इंजीनियर्स ने की जमकर नारेबाजी




1. महापंचायत में 21 जनपदों से संगठन के जुटे सदस्य
2. सदस्यों को परिसर के बाहर रोके जाने से आक्रोश व्याप्त
3. बोले-निजीकरण से खत्म होगा रोजगार निजीकरण के बाद महंगी हो जाएगी बिजली
वाराणसी, भदैनी मिरर। निजीकरण के खिलाफ वाराणसी के चितईपुर स्थित पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ऑफिस के बाहर राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन ने महापंचायत व जनजागरण कार्यक्रम किया. संगठन के लोगों को मेन गेट पर रोके जाने से इसका विरोध किया. संगठन के लोगों ने गेट के बाहर बने फुटपाथ के ऊपर ही निजीकरण के विरुद्ध महापंचायत व जनजागरण अभियान चलाया. इस महापंचायत में पूर्वांचल के 21 जनपदों के सभी पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे.

निजीकरण होगा तो रोजगार का खत्म होगा अवसर
महापंचायत में पूर्वांचल संरक्षक ई. अवधेश मिश्रा ने बताया कि ऊर्जा विभाग सार्वजनिक क्षेत्र का एक विभाग है, जिसमें रोजगार के अवसर अन्य विभागों की तुलना में बहुत अधिक है. यदि ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण होता है तो रोजगार के अवसर समाप्त हो जायेंगे. वो तमाम विद्यार्थी जो अपनी शिक्षा पूरी कर ऊर्जा क्षेत्र में अपना भविष्य संवारने का सपना देख रहे है, निजीकरण होने से उन लाखों विद्यार्थियों का सरकारी नौकरी करने का सपना टूट जाएगा.

10 रूपये प्रति यूनिट हो जाएगी बिजली
केन्द्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष इं. अवधेश यादव ने अपने संबोधन में कहा कि इस देश में जहां 62 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन यापन करती है. शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन तथा अन्य सेनाओं के लिए सरकारी तंत्र पर निर्भर रहती है. इनके निजीकरण करने से लोगों के जीवन के अधिकार को समाप्त कर देने जैसा है. अगले क्रम में केन्द्रीय उपमहासचिव इं दीपक गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में घरेलू व वाणिज्यिक उपभोक्ताओं की औसत बिजली दर 3 रु से 6.5 रु प्रति यूनिट है. निजीकरण के बाद यह दर लगभग 10 रु प्रति यूनिट से भी अधिक हो जायेगी. निजीकरण करने से कार्यरत कर्मियों की सेवाएं समाप्त होगी व रोजगार के अवसर में भारी कमी आयेगी. यह जानकारी राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के पूर्वांचल प्रचार सचिव सर्वेश कुमार ने दी.


