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काशी में सनातन से जुड़े इटालियन जोड़े, लिए सात फेरे, परंपरा के साथ रचाई शादी

विदेशी जोड़े ने कहा-काशी की ऊर्जा और संस्कृति से मिली आत्मिक शांति

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मेहंदी, हल्दी से लेकर कन्यादान तक सभी रस्में वैदिक पद्धति से सम्पन्न कराई गई

वाराणसी, भदैनी मिरर। धर्म और आध्यात्म की नगरी काशी मंगलवार को एक इटालियन जोड़े ने हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर सनातन धर्म की परम्परा को अपना लिया। इटली की दुल्हन एंटोलिया और दूल्हे राजा ग्लोरियस ने भदैनी स्थित नवदुर्गा मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और सात जन्मों तक साथ निभाने का वचन दिया।

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जानकारी के अनुसार ग्लोरियस और एंटोलिया के बीच 10 वर्ष से दोस्ती थी। अब दोनों वैवाहिक बंधन बंध गये। शादी के दौरान मंदिर परिसर हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा। विवाह संस्कार आचार्य मनोज मिश्रा के नेतृत्व में हुआ। इस दौरान वैदिक मंत्रों के साथ समस्त विधि-विधान सम्पन्न कराए गए। इस दौरान ग्लोरियस पारंपरिक सफारी सूट पहनकर दूल्हे के रूप में नजर आए। जबकि एंटोलिया लाल जोड़े में सजी हिंदू वधू के रूप में सुंदर लग रही थी। दोनों ने पूरी तरह से भारतीय परंपरा के अनुसार विवाह की तैयारियां की थ। मेहंदी, हल्दी से लेकर कन्यादान तक सभी रस्में वैदिक पद्धति से सम्पन्न हुईं।

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पंडित विकास ने बताया कि यह जोड़ा एक महीने पहले इटली में क्रिश्चियन रीति-रिवाज से चर्च में विवाह कर चुका था, लेकिन उनका सपना था कि वे भारत के काशी में आकर हिंदू सनातन परंपरा के अनुसार सात फेरे लें। इसीलिए दोनों ने वाराणसी आकर वैदिक विधि से विवाह किया। उन्होंने बताया कि दोनों इटली की एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं और भारत की संस्कृति व अध्यात्म से गहरा लगाव रखते हैं। दुल्हन के परिवारजन शादी में नहीं आ सके, इसलिए विवाह की सभी रस्में उसके मुंह बोले पिता और भाई ने निभाईं। कन्यादान और लावा परछाई की परंपरा भी संपन्न हुई। विवाह के बाद दूल्हा-दुल्हन भावुक हो गये। उन्होंने कहा कि काशी में विवाह करना उनके जीवन का सबसे पवित्र अनुभव है। हमें काशी की गंगा, मंदिरों की घंटियां और वैदिक परंपरा ने आत्मिक शांति दी है। काशी आने के बाद हमें लगा जैसे हमारी आत्मा को अपना घर मिल गया। 

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