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बिजली विभाग के घाटे के लिए योग्य आईएसएस हैं जिम्मेदार-संघर्ष समिति

बैक डेट में श्रमिकों का स्थानांतरण यानी कर्मचारियों का उत्पीड़न 

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यूपी में बिजली के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन जारी

स्थानांतरण निरस्त नही हुआ तो प्रबन्ध निदेशक कार्यालय पर करेंगे जबरदस्त प्रदर्शन 

वाराणसी, भदैनी मिरर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष के बैनर तले सोमवार को 33/11केवी विद्युत उपकेंद्र राजातालाब पर दोपहर-3बजे से बिजलीकर्मीयों ने जनजागरण सभा की। इसमें बिजलिकर्मियों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। अब कल यानी मंगलवार को चौकाघाट विद्युत उपकेंद्र पर जनजागरण सभा होगी। 

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संघर्ष समिति ने मुख्य अभियंता वाराणासी क्षेत्र प्रथम को संविदाकर्मियों का कटा वेतन 48 घंटो में न मिलने पर आंदोलन का नोटिस जारी कर अल्टीमेटम जारी कर दिया है। सभा में पूर्व जिला पंचायत एवं पूर्वांचल किसान यूनियन के पदाधिकारी योगिराज ने बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव को आमजनमानस, किसानों के हितों के विपरीत बताया। कहाकि हमलोगों को भी पता है कि अपने ही प्रदेश के नोएडा में किसानों को मुफ्त बिजली नही मिल पा रही है। जबकि पूरे प्रदेश के समस्त बाकी जिलों के किसान मुफ्त बिजली से अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। योगिराज ने एयर इंडिया की फ्लाइट की दुर्घटना को निजीकरण का उदाहरण बताया।

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ग्राम प्रधान बभनियांव रामप्रकाश, ग्राम प्रधान-चंदापुर राजेन्द्र प्रसाद, ग्राम प्रधान-गजापुर-रामबाबू,ग्राम प्रधान- विजय कुमार गुप्ता, ग्राम प्रधान-गंगापुर- शिवा सिंह, ग्राम प्रधान- राजातालाब-ओमप्रकाश पटेल ने एक स्वर में बिजली के निजीकरण के खिलाफ चल रहे आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि ऊर्जा प्रबन्धन बार-बार पता नही क्यां बिजली का निजीकरण करना चाहता है। जबकि देश के सबसे ज्यादा योग्य आईएएस प्रबन्धन जो इस विभाग को पिछले 25साल से चला रहा है वहीं इस विभाग का घाटा गिनाने लगे हैं। घाटे का सबसे बड़ा कारण यह लोग खुद हैं। इस विभाग में गलत नीयत से रिक्त पदों को न भरना है। क्योंकि जिस सेक्टर में स्टाफ ही नही होगा वहां कोई भी प्लान सफल ही नही सकता। साथ ही सभी ने अपने स्तर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव को निरस्त कराने की मांग की है। 

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संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि सोमवार को प्रशासनिक आधार पर बैक डेट में श्रम संगठनों के पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया गया। जबकि स्थानांतरण पालिसी 15 जून तक ही था। बताया गया कि 15 तारीख तक पूर्वांचल के किसी भी अधिकारी ने स्थानांतरण नही किया था। इसका मतलब अब जो भी सूची जारी होगी वह बैक डेट की होगी। अब इस कारनामे के कारण प्रबन्ध निदेशक कटघरे में खड़े हो गए हैं। इस उत्पीड़नात्मक स्थानांतरण का बिजलिकर्मियों ने घोर निंदा की और कहाकि तत्काल स्थानांतरण निरस्त नही हुआ तो प्रबन्ध निदेशक कार्यालय पर जबरदस्त प्रदर्शन किया जाएगा।

मीडिया सचिव अंकुर पाण्डेय ने बताया कि बनारस के संविदाकर्मियों का माह मई का वेतन जो इस महीने संबंधित फर्म द्वारा फेसिअल अटेंडेंस के हिसाब से काट दिया गया है ,जबकि संघर्ष समिति पूर्वांचल कमेटी ने प्रबन्ध निदेशक पूर्वांचल को पत्र लिखकर 2 महीने पहले ही आग्रह किया था कि किसी भी बिजलीकर्मी को स्मार्टफोन नही दिया गया है। न ही डाटा की व्यवस्था विभाग द्वारा की गई है। ऐसे में ऊर्जा जनशक्ति ऐप भी सुरक्षित नही है। इसके बावजूद फेसिअल अटेंडेंस को आधार मानकर वेतन काटने का समस्त बिजलीकर्मी घोर निंदा करते हैं। बनारस के संघर्ष समिति ने मुख्य अभियंता वाराणसी क्षेत्र प्रथम ने 48 घण्टे का अल्टीमेटम देते हुये कहा कि पहले सभी संविदाकर्मियों का कटा वेतन नही मिला तो 48 घण्टे बाद जबरदस्त प्रदर्शन बिजलीकर्मी करेंगे। सभा की अध्यक्षता ई. मुकेश कुमार ने और संचालन विजय नारायण हिटलर ने किया। सभा को ई. संतोष कुमार, शिवजीत यादव, वेदप्रकाश राय, अंकुर पाण्डेय,प्रशांत सिंह, अनिल पाण्डेय, आलोक कुमार, कल्लू राम, सुरेश कुमार, रविन्द्र कुमार, विवेक राणा, प्रशांत सिंह, उदयभान दुबे, मनोज यादव, समीर पाल आदि ने संबोधित किया।

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