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स्कूली बसों पर बढ़े टैक्स से शिक्षा पर भार, परिवहन मंत्री को भेजा गया ज्ञापन

वाराणसी और पूर्वांचल के CBSE, ICSE और राज्य बोर्ड स्कूलों की पूर्वांचल स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन (PSWA) ने स्कूल बसों पर लागू अतिरिक्त परमिट शुल्क और टैक्स वृद्धि को लेकर जताई आपत्ति, टैक्स प्रणाली को पूर्व की भांति रखने की मांग की।

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वाराणसी,भदैनी मिरर।  CBSE, ICSE एवं राज्य बोर्ड से संबद्ध स्कूलों की पूर्वांचल स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन (PSWA) ने उत्तर प्रदेश परिवहन मंत्री को ज्ञापन भेजकर स्कूल बसों पर बढ़े टैक्स और परमिट फीस को लेकर गहरी आपत्ति जताई है। एसोसिएशन का कहना है कि मोटर व्हीकल एक्ट 1995 की धारा 66(एच) के अंतर्गत अब स्कूल बसों को भी अतिरिक्त परमिट फीस देनी पड़ रही है, जबकि ये वाहन "स्कूल बस" कैटेगरी में पहले से ही आते रहे हैं और वन टाइम टैक्स (7%) के अंतर्गत टैक्स चुकाया जाता था।

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ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि स्कूली बसें लाभ कमाने के उद्देश्य से नहीं, बल्कि छात्रों की सेवा के लिए चलाई जाती हैं। ऐसे में इन्हें ट्रक, यात्री बस या टूरिस्ट वाहनों की तरह टैक्स देना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि यह माता-पिता पर भी वित्तीय भार बढ़ा देगा। एसोसिएशन ने इस बात पर भी जोर दिया कि ज्यादातर स्कूली बसें घाटे में चल रही हैं, खासकर मेट्रो शहरों को छोड़कर छोटे शहरों में। उन्होंने मांग की है कि स्कूल बसों के लिए टैक्स एवं परमिट नियमों को पुनः समीक्षा कर, सेवा भाव से संचालित संस्थानों को राहत दी जाए।  परिवहन मंत्री को एसोसिएशन के पदाधिकारी प्रेसिडेंट -राहुल सिंह, सीनियर वाईस प्रेसिडेंट- पंकज राजगढ़िया, वाईस प्रेसिडेंट-मुकुल पांडेय, जनरल सेक्रेटरी-पुष्प आर. अग्रवाल, संरक्षक-दीपक मधोक, ट्रेजर- जगदीप मधोक, एग्जीक्यूटिव मेंबर जौनपुर -सूर्यांश सिंह, एग्जीक्यूटिव मेंबर मिर्जापुर - अमरदीप सिंह ने संयुक्त रूप से भेजी। 

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