
IMS-BHU में दो डीन! एक UGC के गाइडलाइन के मुताबिक तो दूसरा विवि ने किया नियुक्त, सत्याग्रह के 11वें दिन प्रोफेसर संजय का आरोप
IMS BHU के वरिष्ठ प्रोफेसर संजय गुप्ता ने डीन पद पर नियुक्ति में अनियमितता का लगाया आरोप, विश्वविद्यालय पर यूजीसी दिशा-निर्देशों की अनदेखी करने का दावा

Updated: Jun 13, 2025, 22:23 IST

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वाराणसी, भदैनी मिरर। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (IMS) में डीन मेडिसिन संकाय के पद को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. संजय गुप्ता ने अपनी नियुक्ति को लेकर जारी सत्याग्रह को 11वें दिन शुक्रवार को भी जारी रखा। उनका आरोप है कि वरिष्ठता के आधार पर योग्य होने के बावजूद, विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें दरकिनार कर यूजीसी के नियमों का उल्लंघन किया है।

प्रो. गुप्ता ने स्पष्ट रूप से कहा कि IMS BHU में वर्तमान समय में दो डीन कार्यरत हैं – एक वे स्वयं जो यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार सबसे वरिष्ठ हैं, और दूसरा वह व्यक्ति जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने नियुक्त किया है, जो नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक BHU प्रशासन यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार नियुक्ति में सुधार नहीं करता, उनका सत्याग्रह जारी रहेगा।


कोर्ट का हवाला दे रहा विश्वविद्यालय प्रशासन
BHU प्रशासन ने प्रो. गुप्ता की मांगों को अस्वीकार करते हुए कहा है कि चूंकि इस मामले को अदालत में चुनौती दी गई है, इसलिए प्रो. गुप्ता को न्यायालय के फैसले की प्रतीक्षा करनी चाहिए, न कि संस्थान में सत्याग्रह करना चाहिए।


डिप्टी रजिस्ट्रार को भेजा पत्र
प्रो. गुप्ता ने डिप्टी रजिस्ट्रार को पत्र भेजकर कहा है कि अगर विश्वविद्यालय यूजीसी के नियमों के अनुरूप आदेश और अधिसूचना जारी करता है, तो वह अपना मामला वापस ले लेंगे और डीन पद का कार्यभार संभालने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यूजीसी से उन्हें ईमेल के माध्यम से समर्थन प्राप्त है और यूजीसी ने मौखिक रूप से यह दोहराया है कि नया संचार आवश्यक नहीं है।

“मुझे बिना गलती के वंचित किया गया"
प्रो. संजय गुप्ता ने कहा, “एक महीने से ज्यादा समय से गलत कार्यवाही चल रही है। मुझे बिना किसी गलती के डीन पद से वंचित किया गया है। यह न केवल मेरे अधिकारों का हनन है, बल्कि यूजीसी दिशा-निर्देशों की भी अवमानना है।”


