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IIT(BHU) में छात्राओं की सुरक्षा करेगी महिला प्रॉक्टोरियल टीम 

छात्राओं की शिकायतों पर त्वरित होगी कार्रवाई

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कंट्रोल रूम और प्रॉक्टर कार्यालय के नंबर जारी

वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT-BHU) में छात्राओं की सुरक्षा के लिए संस्थान प्रशासन द्वारा पहल की गई है। संस्थान में छात्राओं से संबंधित शिकायतों के शीघ्र निस्तारण और सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक समर्पित महिला प्रॉक्टोरियल टीम का गठन किया गया है।

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यह टीम चीफ प्रॉक्टर डॉ. संजय सिंह के नेतृत्व में कार्य करेगी। टीम में कन्वेनर डॉ. श्वेता, एसोसिएट प्रोफेसर, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग को नियुक्त किया गया है। टीम में डॉ. तनीमा दत्ता (एसोसिएट प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग), डॉ. स्नेहा और डॉ. हरसिमरन कौर (असिस्टेंट प्रोफेसर, आर्किटेक्चर, प्लानिंग एंड डिजाइन) को सदस्य नामित हैं। साथ ही प्रॉक्टर कार्यालय से एक सिक्योरिटी ऑफिसर और एक ड्यूटी ऑफिसर भी इस टीम का हिस्सा होंगे। चीफ प्रॉक्टर डॉ. संजय सिंह ने बताया कि टीम के सदस्यों का चयन इस आधार पर किया गया है कि वे परिसर के भीतर ही निवास करते हैं, जिससे किसी भी आपात स्थिति में दिन या रात में तुरंत सहायता पहुंचाई जा सके। छात्राओं की सुविधा के लिए निम्न हेल्पलाइन माध्यम उपलब्ध कराए गए हैंः

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कंट्रोल रूम नंबर: 0542-2368004 | इंटरकॉम: 5885/5884
ईमेल: help.po@itbhu.ac.in
प्रॉक्टर ऑफिस नंबर: 0542-2366744 | इंटरकॉम: 5865
ईमेल: office.proctor@itbhu.ac.in

सभी छात्रावासों में इन नंबरों की जानकारी नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दी गई है। साथ ही समय-समय पर छात्राओं को ईमेल के माध्यम से भी सूचित किया जा रहा है। संस्थान ने परिसर में ‘वाहन ऑन कॉल’ सेवा भी शुरू की है, जो छात्राओं को विषम परिस्थितियों में सुरक्षित आवाजाही की सुविधा प्रदान करती है। इसके अलावा, रात्रिकालीन गश्त, महिला व पुरुष सुरक्षाकर्मियों द्वारा सचल दस्ते की निगरानी, पिंक बूथ पर  24x7 महिला सुरक्षा गार्ड के साथ ही महिला पुलिसकर्मी की तैनाती जैसे उपायों को भी प्रभावी रूप से लागू किया गया है। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने कहा कि छात्राओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मविश्वास सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। महिला प्रॉक्टोरियल टीम का गठन सिर्फ एक व्यवस्था नहीं, बल्कि एक प्रतिबद्धता है। एक ऐसा वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में, जहां हर छात्रा निर्भय होकर सीख सके, बढ़ सके और सशक्त बन सके। यह टीम संस्थान में महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक प्रभावी कदम है।
 

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