IIT (BHU) और क्लाउडब्लिट्ज ने उद्योग-अकादमिक सहयोग के लिए किया MOU पर हस्ताक्षर
संयुक्त शोध, तकनीकी नवाचार, कौशल विकास को मिलेगा बढ़ावा

प्रो. राजेश कुमार के डीन प्रो. राजेश कुमार और अतुल वारघाने ने किये हस्ताक्षर
वाराणसी, भदैनी मिरर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-बीएचयू) ने सोमवार को क्लाउडब्लिट्ज (ग्रेमियो टेक्नोलॉजीज प्रा. लि. द्वारा संचालित) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य संयुक्त शोध, तकनीकी नवाचार, कौशल विकास एवं उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देना है।



एमओयू पर प्रो. राजेश कुमार, डीन (आरएंडडी), आईआईटी और अतुल वारघाने, सीईओ, क्लाउडब्लिट्ज द्वारा हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर आईआईटी (बीएचयू) की ओर से प्रो. आभा मिश्रा, एसोसिएट डीन (आरएंडडी), डॉ. सुरेश कुमार, डॉ. अंशुमान शर्मा तथा क्लाउडब्लिट्ज की ओर से मुस्कान खेलेमानी, बिजनेस ऑपरेशन मैनेजर उपस्थित रहीं। इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रो. राजेश कुमार ने कहा कि दोनों पक्ष परस्पर रुचि के शोध परियोजनाओं को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाएंगे और तकनीकी ज्ञान साझा करेंगे। प्रासंगिक डाटासेट्स एवं संसाधनों का आदानदृप्रदान करेंगे और शोध प्रकाशन एवं ज्ञान प्रसार में सहयोग करेंगे। इसके अंतर्गत संयुक्त रूप से वर्कशॉप, हैकथॉन, संगोष्ठी, प्रशिक्षण कार्यक्रम, सम्मेलन और इनोवेशन चैलेंज आयोजित किए जाएंगे। आईआईटी आवश्यक अकादमिक, संरचनात्मक एवं लॉजिस्टिक सहयोग प्रदान करेगा। जबकि क्लाउडब्लिट्ज छात्र प्रशिक्षण, इंटर्नशिप, मेंटरशिप तथा प्लेसमेंट अवसर सुलभ कराने में सहयोग देगा।


सिविल इंजीनियरिंग विभाग एवं प्रमुख अन्वेषक डॉ. अंशुमान शर्मा ने बताया कि संस्थान की नीतियों एवं संकाय की उपलब्धता के अनुसार आईआईटी क्लाउडब्लिट्ज के पाठ्यक्रम विकास, समीक्षा एवं उन्नयन में शैक्षणिक सहयोग देगा। इस प्रकार के कार्यों के लिए परामर्श एवं सेवा शुल्क दोनों पक्षों की सहमति से तय किया जाएगा। समय-समय पर क्लाउडब्लिट्ज आईआईटी के संकाय सदस्यों को अतिथि व्याख्यान, प्रशिक्षण एवं कार्यशालाओं हेतु आमंत्रित कर सकता है और इसके लिए मानदेय प्रचलित शैक्षणिक एवं औद्योगिक मानकों के अनुसार निर्धारित किया जाएगा। क्लाउडब्लिट्ज के सीईओ अतुल वारघाने ने कहा कि क्लाउडब्लिट्ज आईआईटी के विद्यार्थियों के लिए वार्षिक छात्रवृत्ति, छात्र विकास सहयोग एवं वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। हमें इस साझेदारी से नवाचार एवं कौशल विकास को नई दिशा मिलने की आशा है। यह एमओयू अकादमिक शोध एवं उद्योग आवश्यकताओं के बीच मजबूत सेतु का निर्माण करेगा तथा विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं के लिए नवाचार, कौशल विकास और उद्यमिता को प्रोत्साहित करेगा।



