
JEE उत्तीर्ण छात्रों के लिए IIT(BHU) ने ज्यादा डिमांड वाले विभागों में 111 सीटें बढ़ाईं, देखें विभागों की स्थिति
बेहतर मांग को देखते हुए सीटों का पुनर्वितरण किया गया




हमारे शैक्षणिक कार्यक्रम छात्रों की आकांक्षाओं और उद्योग की जरूरतों के अनुरूप हों-प्रो. अमित पात्रा
वाराणसी, भदैनी मिरर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) के माध्यम से चयनित छात्रों के लिए अपने सबसे ज्यादा डिमांड वाले विभागों में 111 सीटें बढ़ा दी हैं। शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए संस्थान में प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए कुल 1,589 सीटें उपलब्ध रहेंगी, जो पिछले वर्ष के समान हैं। हालांकि, बेहतर मांग को देखते हुए सीटों का पुनर्वितरण किया गया है।


इस बदलाव के तहत चार विभागों-सिरेमिक इंजीनियरिंग, मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग, माइनिंग इंजीनियरिंग और फार्मास्यूटिकल इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी से 111 सीटें कम की गईं और इन्हें नौ सबसे ज्यादा डिमांड वाले विभागों में जोड़ दिया गया। चार विभागों की सीटें यथावत रखी गई हैं।


नया सीट मैट्रिक्स इस प्रकार हैः
विभागों के नाम 2025-26 सीटें 2024-25 सीटें बदलाव
सिरेमिक इंजीनियरिंग 75 95 -20
केमिकल इंजीनियरिंग 170 156 +14
सिविल इंजीनियरिंग 160 150 +10
कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग 155 133 +22
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग 150 145 +5
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग 155 133 +22
मैकेनिकल इंजीनियरिंग 190 180 +10
मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग 110 134 -24
माइनिंग इंजीनियरिंग 120 161 -41
फार्मास्यूटिकल इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी 75 101 -26
आर्किटेक्चर (5 वर्षीय) 26 26 0
बायोकैमिकल इंजीनियरिंग 25 25 0
बायोइंजीनियरिंग 21 21 0
मटीरियल्स साइंस एंड टेक्नोलॉजी 28 28 0
मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग 65 52 +13
इंजीनियरिंग फिजिक्स 40 28 +12
इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री 24 21 +3
कुल 1 589 1589 0

इस बदलाव के बारे में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने कहा कि हम लगातार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि हमारे शैक्षणिक कार्यक्रम छात्रों की आकांक्षाओं और उद्योग की जरूरतों के अनुरूप हों। उच्च मांग वाले विभागों में सीटों का यह पुनर्वितरण प्रतिभाशाली छात्रों को उनके मनचाहे क्षेत्र में अवसर देगा और प्रौद्योगिकी के विकास व राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान सुनिश्चित करेगा। कहा कि यह बदलाव छात्रों को उन विभागों में अधिक अवसर प्रदान करेगा जो वर्तमान में ज्यादा प्रासंगिक और डिमांड में हैं।

