IANCON-2025 : पहली बार काशी में जुटेंगे देश-विदेश के न्यूरोलॉजिस्ट, काशी की संस्कृति और विज्ञान का होगा संगम
ऑपरेशन सिंदूर के जांबाज जवानों को समर्पित होगा उद्घाटन सत्र, सांस्कृतिक प्रस्तुति में झलकेगी काशी की आत्मा

29 अक्टूबर से 2 नवंबर तक बीएचयू में होगा भारतीय न्यूरोलॉजिकल एसोसिएशन का वार्षिक सम्मेलन
वाराणसी, भदैनी मिरर। भारतीय न्यूरोलॉजिकल एसोसिएशन (इंडियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी) का 32वां वार्षिक सम्मेलन IANCON-2025 इस बार उत्तर प्रदेश की पावन नगरी काशी में आयोजित होने जा रहा है। यह ऐतिहासिक आयोजन 29 अक्टूबर से 2 नवंबर 2025 तक काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के न्यूरोलॉजी विभाग के तत्वावधान में होगा।



बीएचयू न्यूरोलॉजी विभाग की टीम के हाथ में कमान
सम्मेलन की रूपरेखा और आयोजन की जिम्मेदारी बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग को दी गई है। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अभिषेक पाठक इसके संयोजक हैं।
आयोजन समिति में प्रोफेसर आर.एन. चौरसिया (कार्यक्रम चेयरमैन), प्रो. विजयनाथ मिश्र (आयोजन सचिव), प्रो. दीपिका जोशी (चेयरमैन, साइंटिफिक कमेटी), तथा डॉ. वरुण सिंह और डॉ. आनंद कुमार (संयुक्त आयोजन सचिव) शामिल हैं।


उद्घाटन सत्र में वीरता को सलाम
सम्मेलन की शुरुआत 29 अक्टूबर को विभिन्न वर्कशॉप्स से होगी, जबकि औपचारिक उद्घाटन 30 अक्टूबर को ताज नदेसर पैलेस में होगा।
इस बार उद्घाटन सत्र देश की वीरता और साहस को समर्पित होगा। यह सत्र ऑपरेशन सिंदूर के जांबाज जवानों और गोरखा ट्रेनिंग सेंटर के सैनिकों के सम्मान में आयोजित किया जाएगा। याद में 17 फीट ऊँची “कैप” की अनुकृति लगाई जाएगी।

मुख्य अतिथि होंगे ब्रिगेडियर अनर्बन दत्ता (गोरखा ट्रेनिंग सेंटर), जबकि उद्घाटन की अध्यक्षता करेंगे कुलपति प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी (बीएचयू)।
इस अवसर पर इंडियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी की अध्यक्षा डॉ. संगीता रावत, सचिव डॉ. यू. मीनाक्षीसुंदरम, और कोषाध्यक्ष डॉ. अचल श्रीवास्तव भी उपस्थित रहेंगे।
काशी की संस्कृति और संगीत का संगम
उद्घाटन सत्र के बाद शाम को काशी की सांस्कृतिक आत्मा को दर्शाने वाली विशेष प्रस्तुति होगी। इसमें पद्म अवॉर्डी प्रोफेसर राजेश्वर आचार्य (जल तरंग) और प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्र (मृदंग वादन) अपनी गरिमामयी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे।
सम्मेलन स्थल पर काशी की कला, साहित्य और परंपरा की झलक दिखाने के लिए एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसी के साथ प्रसिद्ध चित्रकार मनीष खत्री और अनिल शर्मा द्वारा निर्मित एक आकर्षक कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी होगा।
वैज्ञानिक विमर्श : नई दिशा की ओर
IANCON-2025 में भारत और विदेशों से करीब 1500 से अधिक न्यूरोलॉजिस्ट और कुल 2500 से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे। सम्मेलन में पार्किंसन, मिर्गी, लकवा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और न्यूरोलॉजी में उभरती बीमारियों पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।
देश-विदेश के प्रसिद्ध विशेषज्ञ - पद्मश्री डॉ. बी.एस. सिंघल, डॉ. मंजरी त्रिपाठी, डॉ. निर्मल सूर्या, डॉ. सुवर्णा एल. आडी, तथा कनाडा से डॉ. जैक एंटल जैसे न्यूरोलॉजिस्ट अपने शोध और अनुभव साझा करेंगे। सम्मेलन के दौरान देश के 6 वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्टों को लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड भी प्रदान किया जाएगा।
‘विज्ञान और संस्कृति का अद्भुत संगम’ : आयोजन टीम
प्रेस वार्ता के दौरान विभागाध्यक्ष प्रो. अभिषेक पाठक, प्रो. आर.एन. चौरसिया, प्रो. विजयनाथ मिश्र, प्रो. दीपिका जोशी, डॉ. वरुण सिंह और डॉ. आनंद कुमार ने संयुक्त रूप से कहा - “काशी में यह आयोजन केवल चिकित्सा जगत के लिए नहीं, बल्कि संस्कृति और विज्ञान के अद्भुत संगम का अवसर है। इसका लाभ आने वाले वर्षों तक चिकित्सा क्षेत्र और समाज दोनों को मिलेगा।”
समापन : जब विज्ञान नमन करे संस्कृति को
IANCON-2025 यह सिद्ध करेगा कि काशी केवल आस्था की नगरी नहीं, बल्कि ज्ञान, शोध और नवाचार की भूमि भी है। यह सम्मेलन चिकित्सा और मानवीय संवेदना दोनों के संगम का प्रतीक बनेगा -जहाँ विज्ञान झुकेगा संस्कृति के सामने, और संस्कृति प्रेरणा देगी विज्ञान को नई दिशा में बढ़ने की।


