
वाराणसी में बौद्ध गया मुक्ति आंदोलन यात्रा का आयोजन, सैकड़ों लोगों ने लिया भाग




वाराणसी। भीम आर्मी जय भीम संगठन के बैनर तले वाराणसी में बौद्ध गया मुक्ति आंदोलन यात्रा का भव्य आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक यात्रा का नेतृत्व संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह नौटियाल ने किया, जिसमें महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से शास्त्री घाट तक सैकड़ों लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।


यात्रा का समापन कचहरी स्थित बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। इस दौरान समाज में सामाजिक न्याय, सांस्कृतिक चेतना और बौद्धिक विरासत को पुनः प्राप्त करने का संदेश जोरदार तरीके से दिया गया।
बौद्ध मूल्यों और बाबा साहब के विचारों का किया गया प्रचार
यह आंदोलन महाबोधि महाविहार, बौद्धगया की प्रेरणा से शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य समाज में बौद्धिक जागरूकता, ऐतिहासिक अधिकारों की पुनः प्राप्ति और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है। मंडल भदोही से शुरू हुई यह यात्रा अब चरणबद्ध तरीके से पूरे उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में आयोजित की जाएगी, जिसका अंतिम पड़ाव मुजफ्फरनगर होगा।


राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह नौटियाल ने कहा, "हमारा उद्देश्य बाबा साहब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना है। यह यात्रा समाज के हर वर्ग में बौद्ध मूल्यों को जीवित रखने और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का प्रयास है।"
शांतिपूर्ण यात्रा से दिया गया सकारात्मक संदेश
पूरी यात्रा शांति और अनुशासन के साथ पूरी की गई, जिससे जनमानस में एक सकारात्मक संदेश गया। आयोजन में भीम आर्मी जय भीम के पूर्वांचल अध्यक्ष जयानंद ज्योति भास्कर, आदर्श गौतम, मोहित चौधरी, करन सोनकर, विपिन सोनकर, विशाल गुप्ता, नवीनत सोनकर सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे।

कार्यक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि सामाजिक बदलाव की दिशा में बौद्ध गया मुक्ति आंदोलन एक मजबूत कदम है, जो आने वाले समय में पूरे प्रदेश में बौद्धिक और सामाजिक चेतना को और बल देगा।

