मानव तस्करी मामले में सात आरोपी दोषी, आठ बरी- वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला
चार वर्षीय मासूम की तस्करी के मामले में कोर्ट ने सात को दोषी करार दिया; 24 नवंबर को सुनाई जाएगी सजा, एक बाल अपचारी भी दोषी पाया गया
Nov 22, 2025, 11:31 IST
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वाराणसी, भदैनी मिरर। मानव तस्करी के चर्चित मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट (प्रथम) के न्यायाधीश कुलदीप सिंह ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने आरोपियों संतोष गुप्ता, मनीष जैन, महेश राणा, मुकेश पंडित, शिखा और सुनीता देवी समेत कुल सात अभियुक्तों को दोषी करार दिया है।
वहीं दूसरे पक्ष के अनुराधा देवी, जगबीर बरनवाल, संगीता देवी, संतोष साव, गुड़िया देवी, यशोदा पंडित, शिवम गुप्ता उर्फ प्रवीण मोदनवाल, संजय गुप्ता और मदन मोदी को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया।
इसी प्रकरण में शामिल एक बाल अपचारी को भी विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अजय कुमार की अदालत ने दोषी पाया है। सभी दोषियों को 24 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी।



कैसे सामने आया था मामला?
16 मई 2023 को भेलूपुर थाना पुलिस ने यह मुकदमा उस वक्त दर्ज किया था, जब लंका के सामनेघाट निवासी संजय ने अपने चार वर्षीय पुत्र रोहित के लापता होने की सूचना दी थी।
संजय अपनी पत्नी और बच्चे के साथ रवीन्द्रपुरी कॉलोनी के पास सड़क किनारे रात में सो रहा था। सुबह उठने पर उसने पाया कि उसका बेटा गायब है।

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की और विभिन्न स्थानों से एक-एक कर सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की। जांच पूरी होने पर पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की।
कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर दिया फैसला
लगभग डेढ़ साल चली सुनवाई के बाद अदालत ने उपलब्ध साक्ष्यों, गवाहों के बयान और पुलिस विवेचना के आधार पर सात अभियुक्तों को मानव तस्करी में दोषी पाया। वहीं आठ अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया।

24 नवंबर को सजा
अदालत अब दोषियों को 24 नवंबर को सज़ा सुनाएगी। फैसले के बाद पीड़ित परिवार ने कहा कि उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।


