घाट ओपीडी में नागा साधुओं का हुआ हेल्थ चेकअप, हर शाम होता है प्रोफेसर विजयनाथ मिश्रा का इंतजार




वाराणसी,भदैनी मिरर। महाकुंभ-2025 के बाद काशी के घाटों पर धुनि जमाएं नागा साधुओं के स्वास्थ्य की फिक्र कर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के आईएमएस न्यूरॉलिजिस्ट प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र ने घाट ओपीडी अभियान के तहत शनिवार को घाटों पर ठहरे नागा साधुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया. इस दौरान नागा साधुओं को परामर्श दिया गया. कहा कि जरुरत पड़ी तो आप सब आईएमएस बीएचयू के सर सुन्दरलाल अस्पताल आएं.

लकवा और मिर्गी के लिए पूर्वांचल में विख्यात प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र ने बताया कि प्रत्येक दिन काशी के घाटों पर वॉक किया जाता है. ऐसे मे किसी को भी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी अथवा मदद चाहिए तो हम सब उपलब्ध है. पिछले सात वर्षों से घाट पर रहने वाले पंडा, डोम, मांझी सहित घाट के किनारे रहने वाले लोगों के बेहतर स्वास्थ्य लिए हम काम कर रहे है. प्रयागराज से लौटे नागा साधुओं के लिए, काशी में विशेष घाट वॉक ओपीडी का आयोजन किया गया है. यह जांच अब नियमित चलेगा जब तक सबकी जाँच ना हो जाए. कई नागा बाबा जी को संगम में रेत धूल से फेफड़े में किसी को एलर्जी किसी को इन्फेक्शन हो गया है. जाँच के रिपोर्ट के बाद दवाई भी दिया जाएगा.

प्रत्येक दिन शाम को होने वाले घाट वाक के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक किया जाता है. घाट ओपीडी के माध्यम से समय-समय पर नाव से गंगा किनारे घाटों पर दवा और परामर्श दिया जाता है. बीएचयू न्यूरोलॉजी विभाग में कार्यरत डॉक्टर विजय नाथ मिश्रा का लोगों को हर रोज बनारस के घाटों पर इंतजार होता है. बीएचयू अस्पताल के ओपीडी में भले ही डॉक्टर साहब से मिलने के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती हो लेकिन काशी के घाट पर रहने वाले लोगों को यह पता रहता है कि डॉक्टर साहब जब घाट पर वॉक करेंगे तो उन्हे वह इत्मीनान से न केवल रिपोर्ट दिखा देंगे बल्कि उनसे अपना तकलीफ भी साझा कर लेंगे. प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र घाट पर रहने वाले लोगों को भी अपना परिवार मानते है और उनके सुख-दुख मे साथ भी निभाते है।



