BHU में व्याकरण कार्यशाला का शुभारंभ, जगद्गुरु रामभद्राचार्य बोले – जिसने शुद्ध दूध पिया हो, वह मुझसे मनुस्मृति पर चर्चा करें




वाराणसी| बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के व्याकरण विभाग में सोमवार को अखिल भारतीय व्याकरण प्रबोध कार्यशाला का भव्य शुभारंभ हुआ। उद्घाटन समारोह में तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए कहा कि मनुस्मृति पर हमले करने वालों को करार जवाब दिया। उन्होंने मुगल आक्रांतों की वकालत करने वालों को भी आड़े हाथ लिया.

मनुस्मृति पर उठाए गए सवालों का जवाब
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, "अगर किसी ने शुद्ध दूध पिया हो तो वह मुझसे आकर मनुस्मृति पर चर्चा करे। इसके किसी भी श्लोक में राष्ट्रविरोधी तत्व नहीं हैं। मैंने महाकुंभ में 30 दिन तक मनुस्मृति पर व्याख्यान दिया है।"
काशी से पुराना नाता, संस्कृत व्याकरण की वैज्ञानिकता पर जोर

काशी से अपने जुड़ाव को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह उनकी विद्या की जन्मभूमि है। उन्होंने BHU में अपने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा कि संस्कृत व्याकरण विश्व की सबसे वैज्ञानिक प्रणालियों में से एक है, जिसका प्रभाव आधुनिक भाषाओं की संरचना में भी देखा जा सकता है।

सनातन धर्म के प्रचार और संरक्षण का आह्वान
उन्होंने छात्रों को सनातन धर्म के प्रचार और रक्षा के लिए जागरूक किया और न्याय दर्शन पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में सभी वक्ताओं ने संस्कृत में संबोधन दिया, जिसे सुनने के लिए करीब 2,000 छात्र और शिक्षक उपस्थित रहे।
मुगलों के नाम से जुड़े स्थलों का नाम बदलने की मांग
काशी में मुगल आक्रांताओं द्वारा रखे गए स्थानों के नाम बदलने की मांग को लेकर उन्होंने कहा, "मैं इस मांग से प्रसन्न हूं। जब तक ज्ञानवापी हमें नहीं मिल जाता, मेरा संघर्ष जारी रहेगा। सभी नाम बदले जाएंगे। मैं इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के समक्ष भी रखूंगा।"
सनातन धर्म का स्वर्णिम युग और विरोधियों पर कटाक्ष
सनातन धर्म को लेकर उन्होंने कहा कि अब इसका स्वर्णिम युग प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने आश्चर्य जताया कि विपक्ष भले ही इसका विरोध कर रहा हो, लेकिन कुंभ में 66 करोड़ 60 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया, जो सनातन धर्म की अटूट शक्ति को दर्शाता है।
हरियाणा में ब्राह्मणों पर हमले पर प्रतिक्रिया
हरियाणा में ब्राह्मण समाज पर हुए हमलों को लेकर उन्होंने कहा कि दोषियों को उचित दंड मिलेगा।
चित्रकूट में भारतीय न्याय संहिता पर की थी चर्चा
इससे दो दिन पहले चित्रकूट स्थित दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में उन्होंने भारतीय न्याय संहिता 2023 पर एक गोष्ठी में भाग लिया था, जहां उन्होंने विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।

