
गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के पार, वरुणा के तटवर्ती इलाकों में बढ़ी मुश्किलें
चार सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही गंगा, जिला प्रशासन अलर्ट पर




वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। गंगा के जलस्तर में 4 सेंटी मीटर की रफ्तार से बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक शुक्रवार की शाम छह बजे गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के ऊपर पहुंच गया।
आयोग के रिकॉर्ड पर लगातार जिला प्रशासन नजर बनाए हुए है। आयोग के मुताबिक वाराणसी में चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर है, जिसे गंगा ने पार कर दिया है। गंगा नदी का वर्तमान जलस्तर 70.36 मीटर दर्ज किया गया है। वाराणसी में खतरा बिंदु 71.262 मीटर निर्धारित है। अधिकतम बिंदु अब तक वाराणसी में 73.901 मीटर है।


एक तहसील और 15 गांव प्रभावित
जिला प्रशासन के अनुसार बाढ़ से सदर तहसील प्रभावित है। जिसमें 15 गांव में पानी घुस गया है। प्रभावित गावों में रामपुर ढाब (कृषि व आबादी प्रभावित), रामचंदीपुर (कृषि प्रभावित), मुस्तफाबाद (कृषि प्रभावित), छीतौना (कृषि प्रभावित), जाल्हूपुर (कृषि प्रभावित), लुठा (कृषि प्रभावित), अम्बा (कृषि प्रभावित), शिवदसा (कृषि प्रभावित), गोबरहा (कृषि प्रभावित), मोकलपुर (कृषि प्रभावित), हरिहरपुर (कृषि प्रभावित), पिपरी (कृषि प्रभावित), कैथी (कृषि प्रभावित), टेकुरी (कृषि प्रभावित), बर्थरा खुर्द (कृषि प्रभावित) है।
वहीं 10 मोहल्ला प्रभावित है। जिनमें सलारपुर (आबादी प्रभावित), सरैया (आबादी प्रभावित), नक्खी घाट (आबादी प्रभावित), दानियालपुर (आबादी प्रभावित), कोनिया (आबादी प्रभावित), ढेलवरिया (आबादी प्रभावित), पुल कोहना (आबादी प्रभावित), रसूलगढ़ (आबादी प्रभावित), नगवां (आबादी प्रभावित), पुष्कर तालाब (आबादी प्रभावित) है।
आंकड़ों के मुताबिक बाढ़ से 294 किसान और 53.6589 कृषि क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है। 209 परिवार के 953 लोग बाढ़ राहत शिविर में निवास कर रहे हैं। 227 परिवार के 1066 लोग अन्य सुरक्षित स्थान पर निवास कर रहें है। अब तक 436 परिवार के 2019 लोग विस्थापित हुए है। जिला प्रशासन ने कंटोल रूम नम्बर 0542-2508550, 2504170 और 9140037137 जारी किया है।


आयोग के अनुसार उत्तराखंड, बुंदेलखंड और मध्य प्रदेश में हुई भारी बारिश और यमुना नदी के जल प्रवाह के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। बीते सप्ताह तक जहां घाट की सीढ़ियाँ दिखाई देने लगी थीं, वहीं अब गंगा दोबारा घाटों और गलियों की ओर बढ़ने लगी हैं। जिससे
मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों पर अंतिम संस्कार में कठिनाई बढ़ी है। शीतला माता मंदिर में पुनः जल प्रवेश हो चुका है। ललिता घाट, दशाश्वमेध, मोरघाट, शीतला घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट पर स्नान और वस्त्र परिवर्तन में परेशानी हो रही है। नगवां नाला में भी धीरे-धीरे पानी प्रवेश कर रहा है।

राहत शिविर बढ़ाने के निर्देश
मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने संबंधित विभागों के साथ बैठक कर राहत कार्य तेज करने का निर्देश दिया। बाढ़ राहत शिविरों की संख्या बढ़ाने और ऊंचे स्थानों की पहचान के निर्देश दिए गए। पार्षदों को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्रों के सुरक्षित स्थलों की सूचना प्रशासन को दें। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने गुरुवार को सलारपुर राहत शिविर और बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। घर के ऊपरी मंजिलों पर रुके परिवारों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए। एसडीएम सदर को सभी राहत शिविरों के संचालन की नियमित निगरानी के लिए निर्देशित किया गया।

