
चेतावनी बिंदु के ओर गंगा: 2 सेमी प्रति घंटा के रफ्तार से जलस्तर में बढ़ाव, वरुणा भी उफान पर
घाटों पर आरती और अंतिम संस्कार प्रभावित, प्रशासन ने राहत शिविरों की संख्या बढ़ाने और बच्चों की पढ़ाई बचाने के दिए निर्देश

Aug 1, 2025, 10:20 IST

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वाराणसी, भदैनी मिरर। गंगा एक बार फिर से वाराणसी की गलियों की ओर बढ़ने लगी हैं। बीते सोमवार से जारी बढ़ाव के कारण राजघाट गेज पर गंगा चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच चुकी हैं। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार सुबह 6 बजे तक गंगा का जलस्तर 69.84 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो कि चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर से महज 42 सेमी नीचे है।



आयोग के अनुसार उत्तराखंड, बुंदेलखंड और मध्य प्रदेश में हुई भारी बारिश और यमुना नदी के जल प्रवाह के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। बीते सप्ताह तक जहां घाट की सीढ़ियाँ दिखाई देने लगी थीं, वहीं अब गंगा दोबारा घाटों और गलियों की ओर बढ़ने लगी हैं। जिससे
मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों पर अंतिम संस्कार में कठिनाई बढ़ी है। शीतला माता मंदिर में पुनः जल प्रवेश हो चुका है। ललिता घाट, दशाश्वमेध, मोरघाट, शीतला घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट पर स्नान और वस्त्र परिवर्तन में परेशानी हो रही है। नगवां नाला में भी धीरे-धीरे पानी प्रवेश कर रहा है।



वरुणा में भी उफान
गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा नदी में भी उफान आ गया है, जिससे सलारपुर, सरैया, नक्खीघाट, दानियालपुर और कोनिया इलाकों में पानी भरने लगा है। जिसके कारण 91 परिवारों ने अपने घर खाली किए हैं, जिनमें से 64 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं, जबकि 27 परिवार किराए या रिश्तेदारों के यहाँ रहने को विवश हैं। जिला प्रशासन ने विभिन्न स्कूलों में बनाए गए राहत शिविरों में 323 लोगों ने अस्थायी आश्रय लिया है, जिनमें प्राथमिक विद्यालय सलारपुर, प्राथमिक विद्यालय सरैया, यूनाइटेड पब्लिक स्कूल सरैया, सिटी गर्ल्स स्कूल (बड़ी बाजार), चित्रकूट कान्वेंट स्कूल (नक्खीघाट) और नवोदय स्कूल (दानियालपुर) शामिल हैं।


राहत शिविर बढ़ाने के निर्देश
मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने संबंधित विभागों के साथ बैठक कर राहत कार्य तेज करने का निर्देश दिया। बाढ़ राहत शिविरों की संख्या बढ़ाने और ऊंचे स्थानों की पहचान के निर्देश दिए गए। पार्षदों को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्रों के सुरक्षित स्थलों की सूचना प्रशासन को दें। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने गुरुवार को सलारपुर राहत शिविर और बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। घर के ऊपरी मंजिलों पर रुके परिवारों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए। एसडीएम सदर को सभी राहत शिविरों के संचालन की नियमित निगरानी के लिए निर्देशित किया गया।

