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वाराणसी में 4 सेमी प्रति घंटा के स्पीड से घट रही गंगा, अब भी खतरे के निशान से ऊपर जलधारा, राहत की शुरुआत

लगातार 29 दिन के उफान के बाद गंगा में आई गिरावट, राजघाट पर जलस्तर 71.58 मीटर दर्ज; अब भी 50 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित, 8 हजार से अधिक विस्थापित

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वाराणसी, भदैनी मिरर। लगातार 29 दिनों तक उफान पर रहने के बाद गंगा का जलस्तर अब राहत देने लगा है। गुरुवार सुबह 8 बजे केंद्रीय जल आयोग (CWC) के आंकड़ों के अनुसार, राजघाट गेज स्टेशन पर गंगा का जलस्तर 71.58 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान (71.262 मीटर) से 31 सेमी ऊपर और चेतावनी स्तर (70.262 मीटर) से 131 सेमी ऊपर है, लेकिन अब यह घटते क्रम में है। जलस्तर में 4 सेमी प्रति घंटे की गिरावट दर्ज की जा रही है।

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गंगा का पानी अब सड़कों और गलियों से वापस घाटों की ओर लौटने लगा है। ललिता घाट, राजघाट और गंगा द्वार पर बाढ़ का पानी काफी नीचे चला गया है। घाटों पर स्थित मंदिरों के शिखर अब फिर से नजर आने लगे हैं। सामनेघाट-रामनगर मार्ग पर भी जलजमाव खत्म होने के बाद दोपहिया और तिपहिया वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है।

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29 दिन में 7 मीटर चढ़ी थी गंगा

गंगा के उफान के कारण वाराणसी में लगभग एक महीने तक हजारों लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। लेकिन अब पानी की वापसी से स्थानीय निवासियों को राहत मिल रही है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, गंगा का जलस्तर पिछले 29 दिनों में लगभग 7 मीटर ऊपर तक चढ़ा था, लेकिन बुधवार से इसमें लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।

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50 हजार से ज्यादा प्रभावित


*बाढ़ राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, वाराणसी के कई निचले इलाकों में अब भी 50 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। 823 परिवारों के लगभग 8,000 से ज्यादा लोग अब तक विस्थापित हो चुके हैं। राहत कार्य के अंतर्गत बुधवार को 38 परिवारों के 400 से ज्यादा लोगों को बाढ़ राहत शिविरों तक पहुंचाया गया है।
हालांकि जलस्तर में गिरावट राहत दे रही है, लेकिन गंदा पानी, मच्छरों का प्रकोप और सफाई व्यवस्था बाधित होने से बीमारियों के फैलने का खतरा अभी भी बना हुआ है। प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष शिविर और फॉगिंग अभियान की जरूरत महसूस की जा रही है।

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