आदमपुर की नाबालिग लड़की के अपहरण में महिला समेत चार को दस साल की कैद
26 नवम्बर 2005 को पिता ने दर्ज करायी थी थाने में रिपोर्ट
पुलिस ने नही की कार्रवाई तो सीबीसीआईडी को सौंपी गई थी जांच
वाराणसी, भदैनी मिरर। नाबालिग किशोरी के अपहरण के मामले में स्पेशल जज भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (यूपीएसईबी) के न्यायाधीश विनोद कुमार की अदालत ने चार आरोपितों शाहनवाज, बाबू उर्फ़ फिरोज, मंजू उर्फ़ मन्नू और महिला बेबी को सजा सुनाई है। अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) रोहित मौर्य, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी गंगा शरण, व सुधांश गुप्ता एडवोकेट द्वारा किया गया।



अभियोजन कथानक के अनुसार मोहम्मद इब्राहिम ने अपनी नाबालिक बेटी के अपहरण के संबंध में 26 नवम्बर 2005 को आदमपुर थाने में तहरीर दी थी। बताया कि उसकी नाबालिग लड़की का शाहनवाज, मंजू उर्फ़ मन्नू व बाबू उर्फ़ फिरोज ने अपहरण कर लिया है। लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इसके बाद इब्राहिम ने 29 नवम्बर 2005 को तत्कालीन एसएसपी के समझ प्रस्तुत होकर प्रार्थना पत्र दिया। एसएसपी के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ। मुकदमा दर्ज किये जाने के बाद विवेचना सीबीसीआईडी वाराणसी को ट्रांसफर कर दिया गया। विवेचना के दौरान पीड़िता को बेबी के घर से बरामद किया गया। उसका मेडिकल और धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान कराया गया।

इसके बाद सभी आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया। इस मामले में अभियोजन की ओर से 10 गवाह परीक्षित कराए गये। न्यायालय ने दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद पांच दिसम्बर 2025 को चारों अभियुक्तों को दोषी करार दिया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावलियों के अवलोकन के बाद नौ दिसम्बर मंगलवार को अपहरण के मामले में शाहनवाज, बाबू उर्फ़ फिरोज, मंजू उर्फ मनू को 7 वर्ष कैद और 10000 अर्थदंड, इसके अलावा धारा 366,368 में शाहनवाज, बाबू उर्फ फिरोज, मंजू उर्फ मनू व बेबी को 10 वर्ष की कैद और 10000 अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड यानी जुर्माने के कुल 110000 रूपये में से 80 प्रतिशत यानी 88000 रूपये पीड़िता को देना होगा।

