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पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की जमानत अर्जी सत्र न्यायालय में दाखिल, 2 जनवरी को होगी सुनवाई

चौक थाने के मामले में लोअर कोर्ट से राहत न मिलने के बाद सेशन कोर्ट पहुंचे आजाद अधिकार सेना अध्यक्ष
 

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Anuj Yadav
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प्रभारी जिला जज नितिन पाण्डेय की अदालत में पेश हुई अर्जी

वाराणसी, भदैनी मिरर। चौक थाने में दर्ज एक आपराधिक मामले में आजाद सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की जमानत को लेकर अहम अपडेट सामने आया है। लोअर कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद मंगलवार को सत्र न्यायालय में उनकी जमानत अर्जी दाखिल की गई है।

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अमिताभ ठाकुर की ओर से उनके अधिवक्ता अनुज यादव ने प्रभारी जिला जज नितिन पाण्डेय की अदालत में जमानत याचिका प्रस्तुत की। अधिवक्ता ने बताया कि चूंकि यह मामला सत्र न्यायालय में विचारणीय है, इसलिए लोअर कोर्ट से जमानत न मिलने के बाद सत्र न्यायालय का रुख किया गया। अदालत ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 2 जनवरी की तिथि नियत की है।

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क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि बड़ी पियरी निवासी हिन्दू युवा वाहिनी के नेता एवं वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) के मानद सदस्य अम्बरीश सिंह भोला की तहरीर पर चौक थाने में बीते 9 दिसंबर को यह मुकदमा दर्ज कराया गया था।

शिकायत के अनुसार, आरोप है कि 30 नवंबर को अमिताभ ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें अम्बरीश सिंह भोला पर आपराधिक मामलों में संलिप्त होने जैसे झूठे व निराधार आरोप लगाए गए। साथ ही, बहुचर्चित कोडीन युक्त कफ सिरप मामले में भी बिना किसी ठोस साक्ष्य के उनकी संलिप्तता दर्शाते हुए भ्रामक आरोप लगाए गए।
वादी का कहना है कि इस वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट के कारण उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा है और उनके खिलाफ गलत जानकारी का प्रचार किया गया।

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पत्नी समेत तीन लोगों पर दर्ज है मुकदमा

इस मामले में पुलिस ने पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर, उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर तथा एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

न्यायिक रिमांड के बाद भेजे गए देवरिया जेल

मामले में पेशी के लिए अमिताभ ठाकुर को बीते बृहस्पतिवार को सेंट्रल जेल वाराणसी लाया गया था। इसके बाद शुक्रवार शाम उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उनका न्यायिक रिमांड बना दिया गया। रिमांड के बाद पुलिस उन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच देवरिया जिला जेल लेकर रवाना हो गई।
अब सभी की निगाहें 2 जनवरी को होने वाली सत्र न्यायालय की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि अमिताभ ठाकुर को इस मामले में जमानत मिलती है या नहीं।

 

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