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बनारस में पहाड़ों जैसा कोहरा, रात में दृश्यता शून्य; अगले दो दिन यलो अलर्ट जारी

तेज पछुआ हवाओं के साथ शहर में छाया घना कोहरा, न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री पहुंचा
 

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वाराणसी, भदैनी मिरर। देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में बुधवार देर रात मौसम ने अचानक करवट ले ली। गुरुवार को शहर में पहाड़ी इलाकों जैसा घना कोहरा छा गया, जिससे रात में दृश्यता लगभग शून्य हो गई। सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए और लोग सड़क के किनारे का सहारा लेकर चलते दिखे। तेज पछुआ हवाओं के साथ करीब 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बह रही सर्द हवा ने ठिठुरन बढ़ा दी।

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शहर में कोहरे का मिजाज हर कुछ दूरी पर बदलता नजर आया। कहीं कोहरा इतना घना रहा कि सामने कुछ भी दिखाई नहीं दिया, तो कहीं थोड़ी ही दूरी पर 300 से 500 मीटर तक सड़क साफ नजर आई। यह नजारा बिल्कुल वैसा ही था, जैसा पहाड़ों में ऊंचाई से उतरते कोहरे का होता है। पछुआ हवाओं के साथ उड़ता कोहरा बर्फीले पानी की तरह शरीर में सिहरन भर रहा था।

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बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव के अनुसार, मैदानों में हवा के साथ उड़ने वाला कोहरा पहाड़ी क्षेत्रों के मुकाबले अधिक खतरनाक होता है। उन्होंने बताया कि पहाड़ी कोहरे में केवल पानी की बूंदें होती हैं, जबकि मैदानी इलाकों में कोहरे के साथ वायु प्रदूषण के कण भी शामिल हो जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अधिक नुकसानदेह साबित होते हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक, गुरुवार रात करीब 9 बजे तक जिले में दृश्यता फिर से 50 मीटर से नीचे चली गई। इसके चलते वाराणसी को एक बार फिर कोल्ड डे सिटी घोषित किया गया। बुधवार की तुलना में न्यूनतम तापमान में करीब दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई और यह 9.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। वहीं, दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से 6.6 डिग्री कम होकर 16.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

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कोल्ड डे के चलते काशी में कड़ाके की ठंड का असर लगातार बढ़ता जा रहा है। मौसम विभाग ने जिले में अगले दो दिनों तक घने कोहरे को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने वाहन चालकों को सावधानी बरतने और जरूरत न होने पर रात के समय यात्रा से बचने की सलाह दी है।
 

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