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Varanasi Flood Alert: 2 सेमी प्रति घंटा के रफ्तार से घट रहा जलस्तर, अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा

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वाराणसी, भदैनी मिरर। लगातार आठ दिनों तक तेज़ी से बढ़ने के बाद बुधवार दोपहर को गंगा का जलस्तर घट रहा है। हालांकि अभी भी गंगा नदी खतरे के निशान से 97 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।

पिछले 28 घंटों में गंगा के जलस्तर में करीब 20 सेंटीमीटर की और बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि आने वाले 12 घंटों में जलस्तर में कमी आने की संभावना है।

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मंगलवार सुबह 10 बजे केंद्रीय जल आयोग ने जो बुलेटिन जारी किया, उसमें बताया गया कि गंगा का जलस्तर 72.12 मीटर है और 2 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से पानी घट रहा है। अनुमान है कि बुधवार सुबह 8 बजे तक जलस्तर में 11 सेंटीमीटर की गिरावट आ सकती है।

डीएम वाराणसी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि पिछले आठ घंटों में 12 सेंटीमीटर का घटाव हुआ है। इस समय गंगा 2 सेंटी मीटर प्रति घंटे के स्पीड से घट रही है। बावजूद इसके कई इलाके जलमग्न है। वर्तमान में 24 बाढ़ राहत शिविर चल रहे है, जहां करीब 4500 लोग आश्रय लिए हुए है।

उन्होंने बताया कि शहरी 28 वार्ड में नदियों का पानी पहुंचा है। वहां नगर निगम, जल पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें लगातार गश्त कर रही है। उन्होंने कहा कि गंगा के बढ़े जलस्तर से तीन गांव की आबादी प्रभावित है, जबकि 60 गांव में कृषि प्रभावित हुई है। गांवों में लगातार पशुओं के लिए भूसे का वितरण किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने अब तक 3 हजार क्विंटल से ऊपर भूसे का वितरण किया है।

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शहर की सड़कें डूबीं, बाढ़ से गांव भी बेहाल

गंगा का पानी घाटों को पार करके अब शहर की सड़कों पर 3 से 4 फीट तक फैल चुका है। कई इलाकों का संपर्क टूट चुका है और बाढ़ का असर गांवों तक भी पहुंच चुका है।

तेज धूप और उमस ने बढ़ाई मुश्किल

मंगलवार को बनारस में अगस्त महीने की पहली तेज धूप देखने को मिली। बारिश के बाद की गीली ज़मीन और 90% से अधिक नमी ने मौसम को बेहद उमस भरा बना दिया।

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मंगलवार को न्यूनतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 0.8 डिग्री कम था। इस मानसून सीजन में अब तक बनारस में 535.9 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 29% ज्यादा है।

पिपरी गांव में जनरेटर और नाव ही हैं सहारा

चौबेपुर के पिपरी गांव में हालात बेहद गंभीर हैं। नाद नदी के बीच बसे इस गांव का सड़क संपर्क पूरी तरह टूट चुका है। एहतियातन बिजली काट दी गई है, जिससे गांव अंधेरे में डूबा है, लेकिन ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से 7 जेनरेटर मंगवाए हैं और दो नावों के सहारे रोज़मर्रा की ज़िंदगी चल रही है।

इन गांवों में भी मुश्किल हालात

  • बर्थरा खुर्द

  • अजांव टाड़पर

  • मठिया

  • हरिहरपुर

  • टेकुरी

  • लक्ष्मीसेनपुर

  • भगवानपुर

इन सभी गांवों में पानी भर जाने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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