वाराणसी का चर्चित गैंगरेप मामला : आरोपितों के परिजन पहुंचे पीएम के संसदीय कार्यालय, पीड़िता की सहेली ने खोला पोल
सुर्खियों में हैं पांडेयपुर-लालपुर क्षेत्र की युवती से गैंगरेप का मामला



मामले में 11 आरोपितों की हो चुकी है गिरफ्तारी, अज्ञात में भी दर्ज हैं मुकदमे
पुलिस कमिश्नर ने गठित कर दी है एसआईटी, हो रही जांच
वाराणसी,भदैनी मिरर। शहर के चर्चित गैंगरेप मामले में मंगलवार को आरोपितों के परिजन और उनके परिचित जुलूस के साथ प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय पहुंचे। हाथों में निर्दोषों को न्याय दिलाओ, महिला अपराध की आड़ में राजनीतिक रोटियां सेंकना बंद करो आदि नारों से लिखी तख्तियां लेकर पहुंचे थे। इस दौरान कार्यालय के बाहर पुलिस प्रबंध किये गये थे। आरोपितों के परिजनों ने कथित पीड़िता और आरोपितों से सम्बंधित आडियो, वीडियो और लोकेशन से सम्बंधित साक्ष्य का चार्ट बनाकर सौंपा हैं। यह चार्ट उन्होंने पिछले दिनों जिला मुख्यालय पर पुलिस कमिश्नर को सौंपा था। इसी के बाद पुलिस कमिश्न ने टीम गठित कर एसआईटी जांच बैठा दी है। उधर, इस प्रकरण में एक और नया मोड़ आ गया है। पीड़िता कथित गैंगरेप अवधि के दौरान जिस सहेली के यहां दो बार गई थी, उस सहेली ने भी एसीपी भेलूपुर डा. इशान सोनी से मिली। उसने उन्हें प्रार्थना पत्र सौंपा और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।

ज्ञापन में परिजनों ने उठाये कई सवाल
इधर, आरोपितों की ओर से पीएम के संसदीय कार्यालय में दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि युवती की बरामदगी के 48 घंटे बाद 6 अप्रैल को एफआईआर दर्ज कराई गई। पीडिता ने 30 मार्च को समीर नामक व्यक्ति को अपने दोस्त के साथ बाइक पर ले जाकर हाइवे पर दुष्कर्म की बात कही गई जां सम्भव नही है। फिर इसके बाद 31 मार्च को पीड़िता का दानिश, आयुष और सुहैल के साथ कंटिनेंटल कैफे की तरफ हंसी-खुशी जाने के वीडियो की भी जांच कराई जाय। इसके अलावा पीड़िता ने दो अप्रैल को अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर खुद पोस्ट और फोटो अपलोड किये हैं। इसमें वह स्वस्थ्य और खुश दिख रही है। जबकि उसने 29 मार्च से 3 अप्रैल तक अपने साथ दुष्कर्म की बात एफआईआर में कही है। यही नही आरोपितों के परिजनों ने पीड़िता से सम्बंधित वीडियो और इंस्टाग्राम स्क्रीन शॉट, आडियो पेन ड्राइव में दिया है।

सहेली ने खोला पीड़िता का राज, कहा-शादी न करने पर मेरे भाई को फंसाया
पीएम के संसदीय कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान एक और नया मोड़ तब आया जब पीड़िता की सहेली ने एसीपी भेलूपुर को ज्ञापन दिया। उसके बाद उसने मीडिया से बातचीत की। बताया कि पीड़िता ने उसके भाई को भी मुकदमे में फंसा दिया है। क्योंकि वह मेरे भाई से शादी का दबाव बना रही थी। वह दस लड़कों से बात करती थी इसलिए मेरे भाई ने उससे शादी से इनकार कर दिया। इसी रंजिश में उसने मेरे भाई राज विश्वकर्मा को फसा दिया है। उसने सवाल किया कि यदि मेरा भाई उससे शादी नही करेगा तो क्या वह उसे फंसा देगी।

कोर्ट में बयान के दौरान उसने कुछ आरोपितों के नाम नही लिये थे। इस सवाल पर सहेली ने कहाकि वह उन लोगों से पैसे ले चुकी थी, इसलिए उनका नाम नही लिया। जबकि पुलिस के बयान में उनके नाम लिये थे। सहेली ने बताया कि वह मेरे साथ नही पढ़ती थी। इंस्टाग्राम के जरिए उसका उससे सम्पर्क हुआ। वह उसे फोन करती थी कि मुझे घूमने और डांस का शौक है। मुझे मेरे परिवारवाले कहीं जाने नही देते। यदि तुम साथ दोगी तो हम बाहर निकल सकेंगे। इसके बाद वह मेरे साथ एक मॉल में गई। वहां उसे कपड़े नही खरीदने थे। कई नये वस्त्रों के साथ उसने ट्रायल किया। मेरे मोबाइल से कई फोटो लिये। वह फोटो मेरे मोबाइल में हैं। कथित घटना के दौरान जब वह मेरे यहां आई तो सही सलामत थी। देखने से ऐसा कुछ नही लगा कि उसके साथ कुछ हुआ है। इसके अलावा वह दो और तीन अप्रैल को अपने एक दोस्त युवक के साथ मेरे यहां आई थी। उसके साथ बाहर गई और उससे अपने लिए कपड़े खरीदवाए। सहेली ने बताया कि मुकदमा दर्ज कराने के बाद भी वह मुझसे फोन पर सम्पर्क करना चाहती है। वह मुझसे कह रही है कि मुझे मॉल में तुम्हारे फोन से लिये गये मेरे फोटो मुझे दे दो। चार अप्रैल को जब पुलिस ने उसे उसकी सहेली के घर से बरामद किया तो वह वहां खाना खाकर आराम से सोयी थी।
कहा-गलत तथ्यों के आधार पर चल रहा मीडिया ट्रायल
ज्ञापन में कहा गया है कि गलत तथ्यों के आधार पर मीडिया और सोशल मीडिया में मामले को तोड़-मरोड़ कर परोसा जा रहा है। इस तरह से हमलोगों का शोषण और मीडिया ट्रायल हो रहा है। इसके अलावा उन्होंने युवती से जुड़े कई और तथ्यों को ज्ञापन में शामिल किया है। मीडिया के जरिए पता चला कि पकड़े गये आरोपितों के फोन में सैकड़ों लड़कियों के नग्न फोटो मिले हैं। जबकि यह बात निराधार है। उनका कहना है कि पुलिस को ऐसे फोटो नही मिले हैं। उन्होंने बताया कि मामले की विवेचना किसी अन्य शाखा से कराई जाय। ताकि किसी निर्दोष के साथ अन्याय न हो। इसके साथ ही फिर आरोप लगा कि वादिनी द्वारा मुकदमा का भय दिखाकर अनुचित मांगें की गई हैं, इसकी भी गहनता से जांच करायी जाय।
एसआईटी कर रही है मामले की जांच
गौरतलब है कि पिछले 29 मार्च को पीड़िता घर से निकली और इसके बाद से गायब हो गई। चार अप्रैल को परिजनों ने पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने पीड़िता को उसी के घर से कुछ दूर उसी की सहेली के घर से बरामद किया था। पुलिस को दिये गये बयान में पीड़िता ने उसके साथ गैंगरेप में 23 लोगों शामिल होने का आरोप लगाया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। अन्य अज्ञात के पहचान की कार्रवाई चल ही रही थी कि पिछले गुरूवार को आरोपितों के परिजन मुख्यालय पहुंचे और पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। अब इस प्रकरण को लेकर राजनीतिक हलके में सरगर्मियां बढ़ गई है। सरकार के कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। मामले की जांच एसआईटी कर रही है।
परिजनों ने खड़े किये है यह सवाल
1. पीड़िता 29 मार्च को लापता हो गई थी तो चार अप्रैल तक स्वजन ने पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी?
2. युवती को पुलिस ने चार अप्रैल को सहेली के घर से बरामद किया, तो उसने दुष्कर्म की बात क्यों नही बतायी?
3. पीड़िता ने जिन सात दिनों में दुष्कर्म की बात की उस दौरान वह दो बार सहेली के घर पर रही फिर भी उसे कुछ क्यों नहीं बताया?
4. सहेली के घर से पीड़िता का घर पांच सौ मीटर की दूरी पर है फिर भी वह अपने घर क्यों नहीं गयी?
5. युवती के साथ 23 लोगों में दुष्कर्म किया तो शरीर पर चोट के निशान क्यों नहीं हैं?
गुरूवार को मुख्यालय पर किया था प्रदर्शन
सामूहिक दुष्कर्म मामले में आरोपितों ने गुरुवार को पुलिस कमिश्नर कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। पुलिस की कार्यप्रणाली से नाखुश स्वजन ने न्याय की गुहार लगाती तख्तियां हाथ में ली थीं। उन्होंने पुलिस कमिश्नर को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें पुलिस की अब तक की कार्यवाही पर ही सवाल खड़े कर दिए गए हैं। सवालों के जवाब पुलिस कमिश्नर के पास नहीं थे।

