
BHU में एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक कल, अधिकारियों और प्रोफेसरों की बढ़ी बेचैनियां
57 महीने बाद होने जा रही है बैठक, 35 एजेंडों पर होगी चर्चा



कार्यकाल पूरा कर चुके लोगों पर गिर सकती है गाज
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में गुरूवार को 57 महीने के बाद नव गठित एग्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) की पहली बैठक होने जा रही है। इस बैठक में 35 एजेंडों पर चर्चा होनी है। बताया जा रहा है कि अनुलग्नक और विवरणिका को मिलाकर यह एजेंडा 500 से ज्यादा पेज का होगा। इस हिसाब से यह बीएचयू में अबतक की सबसे बड़ी बैठक मानी जा रही है। अब इस बैठक को लेकर कई अधिकारियों और प्रोफेसरों की बेचैनी बढ़ी हुई है।


चर्चा है कि पिछली बैठक में जो मामले पास नहीं हो सके, उन्हें भी रखा जा सकता है। अब बीएचयू परिसर के हर विभाग में ईसी की बैठक की चर्चा है। हालांकि इससे पहले औपचारिक बैठक 17 नवंबर 2020 को हुई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री और चंदौली के पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह, मेयर अशोक कुमार तिवारी और भाजपा काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल, बेचन लाल, प्रो. यूपी शाही, प्रो. ओम प्रकाश भारतीय और प्रो. श्वेता प्रसाद सदस्य के तौर पर शामिल हो सकती हैं।

आपको बता दें कि इस बैठक में बीते चार साल के दौराएन के सभी फैसलों को पटल पर रखकर वैधता दिलानी होगी। सलाहकारों को लेकर भी चर्चाएं हैं। यह भी चर्चा है कि जो लोग अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं उन्हें हटाने पर भी विचार हो सकता है। आईओई फंड से बनाए गए एडवाइजर के फैसले को भी ईसी बैठक में वैधता दिलाने पर भी चर्चा हो सकती है। साथ ही पिछले चार साल में एकेडमिक काउंसिल के फैसलों को भी अप्रूव कराना होगा। इसमें नए कोर्स और सेंटर खोलने जैसे मामले भी शामिल हैं। इस बैठक में कई वर्षों से बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों के कार्यकाल की वैधता, सीनियर प्रोफेसर प्रमोशन, कैशलेस इलाज, कैश प्रमोशन, कोर्ट केस, वित्तीय मामले, अनियमितताएं, प्रो. शैल चौबे केस, अस्पताल समेत 35 एजेंडे रखे गए हैं। ऐसे में अधिकारियों और लम्बे समय से पद पर बने रहे लोगों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं।


