
एथिकल हैकर मृत्युंजय सिंह ने खोजा Apple सर्वर में बड़ा बग, कंपनी ने दिए 2.10 लाख रुपये
Apple के सर्वर में मिली गंभीर खामी, P3 टाइप बग से हो सकता था साइबर अटैक




वाराणसी,भदैनी मिरर। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) स्थित अटल इनक्यूबेशन सेंटर - महामना फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप - आईएम-बीएचयू (AIC-MFIE-IM-BHU) से जुड़े उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के औरैया गांव के रहने वाले मृत्युंजय सिंह, जो पेशे से एक आईटी एक्सपर्ट और एथिकल हैकर हैं, ने एक बार फिर साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित टेक कंपनी Apple के सर्वर में P3 टाइप बग खोजकर न सिर्फ कंपनी को बड़े खतरे से बचाया, बल्कि एथिकल हैकिंग की दुनिया में अपनी मजबूत पहचान भी बनाई।


मृत्युंजय को इस बग को खोजने के लिए Apple द्वारा 2500 डॉलर (लगभग 2.10 लाख रुपये) का रिवॉर्ड दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह बग Apple के क्लाउड सर्वर में था, जिसे उन्होंने 12 दिनों की मेहनत से ट्रेस किया और रिपोर्ट किया था।
क्या होता है P3 टाइप बग?
P3 टाइप बग का मतलब होता है मध्यम श्रेणी की खामी, जिसे Apple जैसी कंपनियां आमतौर पर फ्यूचर रिलीज या इमरजेंसी सिक्योरिटी अपडेट्स के जरिए ठीक करती हैं। इस बग की वजह से वेबसाइट के बटन यूज़र को गलत लेबल दिखा सकते थे, जिससे यूजर भ्रमित हो सकता था, और इस स्थिति में हैकिंग का रिस्क भी बढ़ जाता है।


मृत्युंजय ने यह बग चार महीने पहले खोजा था, और 14 जून 2025 को उन्हें Apple की तरफ से मेल प्राप्त हुआ, जिसमें उनके द्वारा खोजे गए बग को वैलिड और इंपैक्टफुल माना गया।
पहले भी Nasa से मिली थी सराहना
मृत्युंजय इससे पहले 2024 में NASA द्वारा आयोजित एक ओपन चैलेंज में भी भाग ले चुके हैं, जहां उन्होंने NASA के सर्वर में बग खोजा था, और उन्हें सराहना मिली थी।

मृत्युंजय की प्रेरणा युवाओं के लिए
मृत्युंजय सिंह का यह योगदान उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो टेक्नोलॉजी और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। वे एक सामान्य ग्रामीण पृष्ठभूमि से होने के बावजूद आज दुनिया की टॉप कंपनियों की सुरक्षा मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

