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ऊर्जा मंत्री ने कहा-बिजली का निजीकरण होकर रहेगा, आंदोलनकारी बोले- मरते दम तक नही होने देंगे 

आंदोलन के आठवें दिन ऊर्जा मंत्री के बयान ने किया ‘आग में घी‘ का काम, भड़के कर्मचारी

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निजीकरण की फाइल लौटाने पर संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री का जताया आभार

कल से बड़ी संख्या में बिजलीकर्मी आंदोलन में होंगे शामिल

वाराणसी, भदैनी मिरर। प्रदेश भर में बिजली के निजीकरण को लेकर विरोध प्रदर्शन के बीच ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का बयान ‘आग में घी‘ का काम कर दिया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले 8वें दिन भिखारीपुर स्थित हनुमानजी मंदिर के पास चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच ऊर्जा मंत्री का बयान मीडिया में वायरल हो गया। ऊर्जा मंत्री ने कहाकि बिजली का निजीकरण होकर रहेगा। निजीकरण निश्चित है और यह प्रक्रिया अब रुकेगी नहीं। साथ ही उन्होंने आंदोलनकारियों के खिलाफ कड़ा तेवर भी दिखाये। साथ ही 29 मई को प्रस्तावित हड़ताल और कार्य बहिष्कार पर चेतावनी देते हुए कहाकि जो कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बिजली आपूर्ति सामान्य रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तैयार है। सरकार किसी भी हालात से निपटने को तैयार है। एके शर्मा का यह बयान आते ही आंदोलनकारी भड़क गये। आंदोलनकारियों ने भी दो टूक कह दिया कि मरते दम तक बिजली का निजीकरण नही होने देंगे। वह आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। 

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आपको बता दें कि प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति बनारस के भिखारीपुर स्थित हनुमानजी मंदिर के पास विरोध प्रदर्शन कर रही है। इस दौरान सभा में वक्ताओं ने दावा किया कि आज के विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कर्मचारी और अधिकारी पहुंचे। अब कल यानी 29 मई को बिजली के निजीकरण के विरोध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन में 25 लाख बिजलीकर्मी शामिल होंगे। इसी क्रम में बनारस के भी बिजलीकर्मी भी सुबह 11बजे से भिखारीपुर में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
अंकुर पाण्डेय ने बताया कि 29 मई से पूरे प्रदेश में बिजली के निजीकरण के विरोध में पूर्ण कार्यबहिष्कार का निर्णय लिया गया था। किंतु बनारस के बिजलिकर्मियों ने मुख्यमंत्री के प्रभावी हस्तक्षेप कर बिजली के निजीकरण के टेंडर की फ़ाइल वापस कराने पर उन्हें धन्यवाद दिया।

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साथ ही बताया कि फाइल वापस होने के बाद ऊर्जा प्रबन्धन उस टेंडर की फ़ाइल विद्युत नियामक आयोग से पास कराने का जुगाड़ लगा रहा है। जबकि संघर्ष समिति ने स्पष्ट कर दिया है कि अभी कार्यबहिष्कार स्थगित किया गया है। हमारी नोटिस में स्पष्ट लिखा है कि जिस दिन टेंडर निकालने का कार्य ऊर्जा प्रबन्धन करता है तो बिना किसी दूसरी नोटिस के तत्काल प्रदेश के समस्त बिजलीकर्मी पूर्ण कार्य बहिष्कार पर चले जायेंगे। विजय नारायण हिटलर ने बताया कि  ऊर्जा मंत्री ने कल बनारस में कहा कि बिजली का निजीकरण होकर रहेगा। उनके इस बयान बिजलीकर्मियों में गहरा रोष है और उन्होंने भी तय कर लिया है कि मरते दम तक बिजली का निजीकरण नही होने देंगे। क्योंकि इसी सरकार के तत्कालीन ऊर्जा मंत्री, वित्त मंत्री और मुख्य सचिव के साथ संघर्ष समिति से समझौता हुआ था।

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समझौते के दौरान कहा गया था कि बिजली का निजीकरण नही किया जाएगा और वर्तमान व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। ई. पंकज जायसवाल ने मुख्यमंत्री से बिजली के निजीकरण का प्रस्ताव जनहित में रद्द करने का आग्रह किया। कहाकि बिजलीकर्मी मुख्यमंत्री पर भरोसा करते हैं। उनकी निगरानी में वर्तमान व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। कर्मचारी पूरे मनोयोग से दिन रात की परवाह किये बगैर कार्य करने को तैयार हैं। सभा को ई. नरेंद्र वर्मा, ई. प्रमोद कुमार, कृष्णा सिंह,प्रशांत सिंह, ई. अभिजीत साह, विजय नारायण हिटलर, चंदन कुमार, बृजेश यादव, ई. जितेंद्र सिंह,दिनेश यादव, रंजीत पटेल, मनोज सोनकर, अशोक सिंह, ई. जितेंद्र सिंह, मनोज यादव आदि ने संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता ई. एसके सिंह ने और संचालन ई. गजेंद्र श्रीवास्तव ने किया।

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