ऊर्जा प्रबन्धन को सद्बुद्धि के लिए बनारस के बिजलिकर्मियों ने छठ मैया से की प्रार्थना
निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों का 334वें दिन भी आंदोलन जारी

रीस्ट्रक्चरिंग के नाम पर लेसा में समाप्त किये जा रहे 5600 पद, गुस्से में हैं कर्मचारी
वाराणसी, भदैनी मिरर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले बिजली के निजीकरण के खिलाफ चल रहे आंदोलन के 334वें दिन भी बनारस के बिजलीकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ ही बिजलिकर्मियों ने छठ पूजा के अवसर पर षष्ठी माता से ऊर्जा प्रबन्धन को सद्बुद्धि प्रदान करने की प्रार्थना की। विरोध सभा में वक्ताओं ने कहाकि रीस्ट्रक्चरिंग के नाम पर राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जिलों की बिजली व्यवस्था बेपटरी होने से बचाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए। लेकिन ऐसा होता दिखाई नही दे रहा है। कहा कि लखनऊ में बिजली व्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है, लेकिन निजीकरण के लिए मनमाना प्रयोग कर लखनऊ की बिजली व्यवस्था को पटरी से उतारने की कोशिश की जा रही है।




संघर्ष समिति ने बताया की नई व्यवस्था में लेसा में सभी वर्गों के मिलाकर कुल 5606 पद समाप्त किए जा रहे हैं। इससे बिजलीकर्मियों में भारी गुस्सा है। बिजलीकर्मी सुधार के प्रति हमेशा पॉजिटिव रुख रखते हैं, किन्तु कर्मियों से बिना विचार-विमर्श किए केवल निजीकरण की पृष्ठभूमि बनाने के लिए हजारों पदों को समाप्त किया जा रहा है। बिजलीकर्मी सरकार और प्रबंधन से सहयोग की उम्मीद रखते हैं और निजीकरण के लिए तैयार बैठे लोग कर्मचारियों के गर्दन पर छुरा चला रहे हैं। समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने बताया कि सबसे बड़ी मार अत्यंत अल्प वेतनभोगी संविदाकर्मियों पर पड़ने जा रही है। 15 मई के एक आदेश के अनुसार शहरी क्षेत्र में प्रत्येक विद्युत उपकेंद्र पर 36 कर्मचारी होने चाहिए। यह आदेश आज भी प्रभावी है।

वर्तमान में लेसा में 154 विद्युत उपकेंद्र है। प्रति उपकेंद्र पर 36 कर्मचारियों के हिसाब से संविदा के 5544 कर्मचारी होने चाहिए। रिस्ट्रक्चरिंग के आदेश के अनुसार लेसा के चारों क्षेत्र में मिलाकर कुल 616 गैंग होंगे और 391 एसएसओ होंगे। एक गैंग में तीन कर्मचारी काम करते हैं। इस प्रकार 616 गैंग में 1848 संविदाकर्मी और 391 एसएसओ काम करेंगे। इस नई व्यवस्था के हिसाब से 01 नवंबर से कुल 2239 संविदा कर्मी काम करेंगे जबकि 15 मई 2017 के आदेश के अनुसार 5544 संविदाकर्मियों को होना चाहिए। इस प्रकार 3305 संविदा कर्मी एक झटके में हटाए जा रहे हैं। इसी प्रकार अधीक्षण अभियंता के चार, अधिशासी अभियंता के 17, सहायक अभियंता के 36, जूनियर इंजीनियर के 155 और टीजी 2 के 1517 पद समाप्त किए जा रहे हैं। अन्य संवर्गो के पदों में भी कमी की जा रही है।

उन्होंने बताया कि लेसा में रिस्ट्रक्चरिंग के बाद 5606 पद समाप्त किए जा रहे हैं, जिसमें 3305 पद संविदाकर्मियों के और 2301 पद नियमित कर्मचारियों के हैं। पदाधिकारियों ने कहाकि किसानों और आम जनता के हित में वह कथित सुधार के नाम पर किसी भी स्थिति में बिजली सेक्टर का निजीकरण नहीं होने देंगे। जबतक निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया जाता आंदोलन जारी रहेगा। सभा को ओपी सिंह, जिउतलाल, संदीप कुमार, अंकुर पाण्डेय, जयप्रकाश सिंह, पंकज यादव, अजित कुमार, रंजीत पटेल, अरुण कुमार, बृजेश यादव, रमेश कुमार, धर्मेन्द्र यादव, सुनील कुमार, बिज सोनकर, रोहित कुमार आदि ने संबोधित किया।


