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निजीकरण का टेंडर होते ही शुरू होगा बिजलीकर्मियों का सामूहिक जेल भरो आंदोलन

निजीकरण के खिलाफ प्रदेशभर में आंदोलित हैं बिजलीकर्मी, आरएफपी डॉक्यूमेंट गोपनीय रखने के समाचार से कर्मचारियों में उबाल

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ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन की निजी घरानों की सांठगांठ में हो रहा समझौता
 

वाराणासी, भदैनी मिरर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले आज शनिवार को 332वें दिन भी बनारस के बिजलिकर्मियो ने जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुये चेतावनी दिया कि यदि जोर जबरदस्ती करके निजीकरण का टेंडर निकाला गया तो टेंडर निकलते ही बिजली कर्मी समस्त जनपदों में सामूहिक जेल भरो आंदोलन प्रारंभ कर देंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी प्रबन्धन की होगी।

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राजधानी लखनऊ में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहाकि बिजलीकर्मी घाटे के झूठे आंकड़े, दमन और उत्पीड़न के नाम पर किसी भी स्थिति में निजीकरण की साजिश कामयाब नहीं होने देंगे। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि यह विदित हुआ है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के टेंडर की पूरी प्रक्रिया गोपनीय रखी जाएगी। इसके अंतर्गत पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों को पांच  भागों में विघटित कर पांच अलग-अलग टेंडर निकाले जाएंगे, जिनमें एक लिंक दी जाएगी। लिंक तभी खुलेगी जब टेंडर  डालने वाली निजी कंपनी पांच लाख रुपए का भुगतान करे। साथ ही यह शपथ पत्र भी देना होगा की लिंक खुलने के बाद आरएफपी डॉक्यूमेंट को कोई कंपनी सार्वजनिक नहीं करेगी।

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समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा यह सब ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन के साथ मिलकर किया जा रहा है। ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन की निजी घरानों के साथ नियमित मुलाकात हो रही है और डिस्कॉम एसोशिएशन निजीकरण के मामले में बिचौलिए की भूमिका का निर्वाह कर रही है। उन्होंने कहाकि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति है। ऐसे में टेंडर की पूरी प्रक्रिया और आरएफपी डॉक्यूमेंट को गोपनीय रखना बहुत गंभीर बात है और इस तरह सारी प्रक्रिया में ही भ्रष्टाचार की बू आ रही है। यदि ऐसा होता है तो संभवतः यह देश के इतिहास में पहली बार होगा की लाखों करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों को इतने गुपचुप ढंग से बेचा जा रहा है। टेंडर की प्रक्रिया में आरएफपी डॉक्यूमेंट को छिपाना बहुत ही गंभीर मामला है।

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पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में विगत 28 नवंबर से लगातार चल रहे आंदोलन के आज 332 दिन पूरे होने पर बिजली कर्मियों, संविदा कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने प्रदेश के समस्त जनपदों में जोरदार विरोध प्रदर्शन कर संकल्प लिया कि वे किसानों और उपभोक्ताओं को साथ लेकर निजीकरण के विरोध में अपना आन्दोलन तब तक जारी रखेंगे। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया जाता। सभा को अंकुर पाण्डेय, अरुण कुमार, बृजेश यादव, रमेश कुमार, सन्नी कुमार, रोहित गुप्ता, योगेंद्र कुमार, विशाल कुमार, गुलजार अहमद, सरोज भूषण, रंजीत कुमार आदि ने संबोधित किया।

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