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कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों पर डिजिटल कॉप सर्वे की ड्यूटी, अधीनस्थ कृषि सेवा संघ ने जताया विरोध

संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर लेखपालों को मूल दायित्व से मुक्त करने पर आपत्ति जताई

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कृषि विभाग के तकनीकी कर्मचारियों को अनावश्यक ड्यूटी देने से योजनाओं पर असर पड़ने की आशंका

वाराणसी, भदैनी मिरर। अधीनस्थ कृषि सेवा संघ-उत्तर प्रदेश ने डिजिटल कॉप सर्वे में कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों को ड्यूटी पर लगाए जाने का विरोध किया है। संघ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अपील की है कि कृषि विभाग के कर्मचारियों को इस कार्य से मुक्त रखा जाए।
संघ का कहना है कि राजस्व विभाग में खसरा पड़ताल और भूमि सर्वे का कार्य लेखपालों का मूल दायित्व है। इसे हमेशा से लेखपालों द्वारा ही किया जाता रहा है। राजस्व परिषद और शासन के पूर्व आदेशों में भी स्पष्ट किया गया था कि यह कार्य लेखपालों द्वारा ही होना चाहिए।
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संघ ने बताया कि पिछली बार जब डिजिटल कॉप सर्वे कराया गया था, तब लेखपालों के साथ-साथ प्राइवेट सर्वेयर और अन्य विभागों के सहयोगी कार्मिकों की मदद ली गई थी। लेकिन इस बार मुख्य सचिव के निर्देश के बाद आश्चर्यजनक रूप से लेखपालों को इस कार्य से मुक्त कर दिया गया और उनकी जगह कृषि, गन्ना, उद्यान विभाग के कर्मचारियों तथा पंचायत सहायकों, रोजगार सेवकों, बीटीएम और एटीएम को लगाया गया है।
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संघ ने जताई आपत्ति
संघ का कहना है कि कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक किसान सम्मान निधि, फसल अवशेष प्रबंधन, कृषि यंत्रीकरण, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, मृदा स्वास्थ्य सुधार, फसल बीमा और अन्य कई योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहे हैं।* ऐसे में उन्हें सर्वे जैसे कार्यों में झोंकना किसानों के हित में नहीं है और इससे योजनाओं की गति पर सीधा असर पड़ेगा।
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संघ ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि अगर लेखपालों को डिजिटल कॉप सर्वे से मुक्त ही रखना है तो यह कार्य केवल प्राइवेट सर्वेयर और संविदा कर्मियों से कराया जाए, न कि कृषि विभाग के तकनीकी कार्मिकों से।
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