वाराणसी कोर्ट ने दहेज हत्या में दोषी पति और सास को दी उम्रकैद की सजा, अर्थदंड भी लगाया
पांच लाख रुपये दहेज की मांग को लेकर विवाहिता को जलाने का मामला, विशेष न्यायाधीश की अदालत ने सुनाई सख्त सजा
वाराणसी। दहेज हत्या के मामलों में सख्त रुख अपनाते हुए वाराणसी की विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रविंद्र कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दहेज हत्या के मामले में दोषी पाए गए पति जितेंद्र कुमार और उसकी मां फूलमती को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों आरोपियों पर चार-चार हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में आरोपियों को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।



अभियोजन पक्ष के अनुसार, मऊ जिले के कोपागंज निवासी वादी रमेश भारतीय ने कैंट थाना वाराणसी में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। तहरीर में बताया गया कि उसकी बड़ी बहन शारदा की शादी मई 2017 में बलिया जिले के नरही चौरा निवासी जितेंद्र कुमार के साथ हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही ससुराल पक्ष द्वारा शारदा को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा।

बताया गया कि शारदा अपने पति जितेंद्र और सास फूलमती के साथ पुलिस लाइन वाराणसी स्थित खजुरी कॉलोनी के सरकारी आवास में रहती थी। आरोप है कि आरोपी पति और सास दहेज में पांच लाख रुपये की मांग कर रहे थे। मांग पूरी न होने पर विवाहिता के साथ गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकियां दी जाती थीं।

अभियोजन के अनुसार, 9 अक्टूबर 2021 की सुबह पति और सास ने मिलकर शारदा पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलने पर वादी खजुरी कॉलोनी स्थित घटनास्थल पर पहुंचा, जहां बहन का शव पड़ा मिला। इस घटना में अन्य लोगों की संलिप्तता की भी आशंका जताई गई थी।
मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल नौ गवाहों को अदालत में पेश किया गया। गवाहों के बयान और उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन के बाद कोर्ट ने पति जितेंद्र कुमार और सास फूलमती को दोषी करार दिया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए अर्थदंड भी लगाया।
उल्लेखनीय है कि दोषी जितेंद्र कुमार के पिता पुलिस विभाग में उप निरीक्षक (एसआई) के पद पर कार्यरत रहे हैं। अदालत के इस फैसले को दहेज हत्या के मामलों में एक कड़ा संदेश माना जा रहा है।
