देव दीपावली 2025: हर-हर शंभू की धुन पर झिलमिलाएगी काशी, 200 मीटर ऊंचाई तक आतिशबाजी से गूंजेगा आसमान
गंगा घाटों पर 15 लाख दीयों की जगमगाहट, हर-हर शंभू की भक्ति में रंगेगा शहर

10 मिनट का ग्रीन क्रैकर शो और चेतसिंह घाट पर थ्रीडी लेजर शो बनाएंगे दृश्यावलोकन दिव्य और भव्य
वाराणसी। देव दीपावली 2025 पर काशी में एक बार फिर दिव्यता, भव्यता और आधुनिकता का संगम दिखेगा। लाखों दीपों की रोशनी, लेजर शो और 200 मीटर ऊंचाई तक ग्रीन क्रैकर आतिशबाजी से गंगा तट नहा उठेगा। हर-हर शंभू, शिव तांडव और हे शिवा शिवा... जैसे भजनों की ताल पर रोशनी की लहरें 10 मिनट तक आसमान में थिरकेंगी। यह दिव्य कार्यक्रम 8 बजे रात से शुरू होगा, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लाइव देखेंगे।



गंगा पार रेती का इलाका इस बार कोरियोग्राफ और सिंक्रोनाइज्ड ग्रीन क्रैकर्स शो से रंगीन नजर आएगा। फायर वन फायरिंग सिस्टम तकनीक से नियंत्रित इस शो में 1000 फीट लंबी रेत पर आतिशबाजी होगी, जो 200 मीटर ऊंचाई तक रोशनी बिखेरेगी। खास बात यह है कि इस बार पर्यावरण की रक्षा के लिए केवल ग्रीन क्रैकर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है।

चेतसिंह घाट पर होगा 25 मिनट का थ्रीडी “काशी कथा” शो
देव दीपावली पर चेतसिंह घाट पर 25 मिनट का थ्रीडी प्रोजेक्शन मैपिंग शो “काशी कथा” प्रस्तुत किया जाएगा। यह शो एक घंटे के अंतराल पर तीन बार रात 8:15, 9:00 और 9:35 बजे दिखाया जाएगा। इसमें भगवान शिव-पार्वती विवाह, भगवान बुद्ध के धर्मोपदेश, संत कबीर, तुलसीदास की भक्ति परंपरा और महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा बीएचयू की स्थापना जैसी झलकियां शामिल होंगी।

काशी के 86 घाटों पर जगमगाहट
गाय के गोबर से बने 21 हजार दीयों से घाटों को सजाया जाएगा। गंगा पार रेती पर भी दीपदान होगा। 21 ब्राह्मण और 42 कन्याओं के साथ दशाश्वमेध घाट पर गंगा की महाआरती होगी। अस्सी घाट, शीतला घाट और नमो घाट पर भी भव्य आरती का आयोजन होगा।
सुरक्षा और नाव संचालन के विशेष इंतजाम
गंगा में पांच किलोमीटर तक बैरिकेडिंग होगी और हर एक किलोमीटर पर कट बनाए जाएंगे। 1200 मोटरबोट, बजड़े और 20 क्रूज देव दीपावली के दिन चलेंगे। गंगा में बढ़े जलस्तर को देखते हुए एनडीआरएफ और जल पुलिस की विशेष तैनाती की गई है।
देव दीपावली का महत्व
पुराणों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का संहार किया था। देवताओं ने इस विजय के उपलक्ष्य में दीप जलाकर आनंद मनाया था, तभी से यह पर्व देव दीपावली कहलाया। यह केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है।
मुख्य बिंदु संक्षेप में:
- 🔸 86 घाटों पर 15 लाख दीये जलेंगे
- 🔸 200 मीटर ऊंचाई तक ग्रीन आतिशबाजी
- 🔸 चेतसिंह घाट पर थ्रीडी ‘काशी कथा’ शो
- 🔸 20 क्रूज और 1200 मोटरबोट चलेंगी
- 🔸 एनडीआरएफ और जल पुलिस की तैनाती


