
सिंघम बनने का शौक बनी पुलिस कमिश्नर के पीआरओ दीपक रणावत के गले की फांस
मथुरा का शातिर साइबर ठग मुनफेद गिरफ्तार, पुलिस अधिकारी बनकर कर चुका है लाखों की ठगी




डीसीपी क्राइम टी सरवणन ने किया खुलासा, दरोगाओं की फोटो, फर्जी आईडी लगाकर दिया ठगी को अंजाम
सोशल मीडिया पर अधिक फॉलोअर्स पाने के लिए वर्दी के साथ फोटो और वीडियो पोस्ट करना पड़ा भारी, मिली नसीहत
वाराणसी, भदैनी मिरर। पुलिस महकमें तमाम हिदायतों के बावजूद सिंघम बनने की चाह उनके ही गले की फांस बनती जा रही है। हाल ही में सोशल मीडिया पर अधिक फॉलोअर्स पाने के लिए वर्दी के साथ फोटो और वीडियो पोस्ट करने वाले दरोगा दीपक रणावत साइबर जालसाज ने ऐसा उलझाया कि नौकरी जाते-जाते बची। वाराणसी के कई थानों की थानेदारी के बाद पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के पीआरओ बने दीपक रणावत पर नौकरी के नाम पर मैनपुर की महिला अनीता यादव से 16 लाख रूपये की ठगी का आरोप लगा तो पुलिस महकमे में खलबली मच गई।


हालांकि पुलिस और साइबर टीम ने मामले का खुलासा कर शातिर साइबर जालसाज मथुरा जिले के गोवर्धन थाना क्षेत्र के देवसेरस गांव का मुनफेद को गिरफ्तार कर लिया। इस 26 वर्षीय जालसाज अब तक 14 महिलाओं को अपने जाल में फंसाकर लाखों का चूना लगा चुका है। सोशल मीडिया पर सिंघम बननेवाले दरोगाओं की फोटो, फर्जी आईडी लगाकर लोगों को अपनी जाल में फंसाता और फिर उसी दरोगा के नाम पर लाखों की वसूली करता रहा। इसी जालसाज ने दीपक रणावत के प्रोफाइल के साथ मैनपुरी की महिला को उसके बेटे को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 16 लाख का चूना लगा दिया था। पूछताछ में मुनफेद ने बताया कि वह पुलिस अधिकारियों की फोटो और वीडियो इंटरनेट से निकालकर कूटरचित फर्जी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आईडी बनाता था। वह खुद को लोक सेवक बताकर लोगों से बात करता था और उन्हें विश्वास में लेकर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ी रकम वसूलता था। वह लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिखाकर पैसे ऐंठता था।


डीसीपी क्राइम टी सरवणन ने बुधवार को मीडिया के सामने जालसाज को पेश किया। इसके साथ ही जालसाजी की शिकार मैनपुरी की महिला अनीता का भी मीडिया से सामना कराया। डीसीपी क्राइम ने बताया कि वाराणसी पुलिस कमिश्नर के पीआरओ दीपक कुमार राणावत पर मैनपुरी की महिला ने 16 लाख की ठगी का आरोप लगाया था। इस पर पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने रणावत को पीआरओ पद से हटा दिया और मुझे जांच अधिकारी नियुक्त किया। जांच में काफी चौंकाने वाले तथ्य निकाल कर सामने आए। यह उन पुलिस वालों के लिए भी एक चेतावनी है जो सोशल मीडिया पर अधिक फॉलोअर्स पाने के लिए वर्दी के साथ अपने फोटो और वीडियो पोस्ट करते हैं। किस तरह से उनके फोटो और वीडियो का दुरुपयोग साइबर अपराधी कर रहे हैं।

इसका जीता जागता उदाहरण डीसीपी क्राइम सरवणन टी ने दीपक रानावत के मामले में जांच के बाद मीडिया के सामने रखा। डीसीपी सरवणन टी ने बताया कि 27 मई को पुलिस आयुक्त कार्यालय में एक महिला ने शिकायत की और पीआरओ के विरूद्ध 16 लाख रुपए ठगी के गंभीर आरोप लगाये। इस पूरे प्रकरण में घटना इस प्रकार से हुई, जो पुलिसकर्मी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक्टिव रहते हैं उन्हीं लोगों को साइबर अपराधी शिकार बनाकर उन्हीं लोगों का फोटो और वीडियो प्रयोग करके फर्जी आईडी बनाकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं। जालसाज मुनफेद ने सब इंस्पेक्टर दीपक कुमार राणावत के अलावा एक और सब इंस्पेक्टर अभिजीत कुमार हैं जो जनपद गोरखपुर में तैनात है, उनका भी एक फर्जी आईडी बनाकर ऐसे लोगों के साथ घटना किया है।
पूछताछ में सामने आया है कि अभी तक पिछले डेढ़ साल में 14 लोगों के साथ घटना कर चुका है। इनमें अधिकतर महिलाएं मथुरा और आगरा की रहने वाली हैं। इसके अतिरिक्त नई दिल्ली, पटना, बलिया, हरियाणा, मैनपुरी आदि जनपद से एक-एक महिला को इसने टारगेट किया। रणावत के नाम पर जालसाज मुनफेद ने मैनपुरी की महिला से दो हिस्सों में 16 लाख रुपए लिए थे। इन रूपयों का उपयोग उसने अपना मकान बनवाने में किया। हालांकि अपराध के बाद जो उसने अर्जित की है उसे नियमानुसार अटैच किया जाएगा। इस जालसाज के खिलाफ मथुरा कोतवाली में मुकदमा दर्ज है। गोरखपुर के एसआई अभिजीत के नाम पर उसने एक और महिला से 27 लाख की ठगी की है। उसका भी मुकदमा दर्ज है। साइबर अपराधी मनफेद के दो बैंक अकाउंट है। दोनों बैंक अकाउंट सीज किया जाएगा। इस जालसाज के पास से दो फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद हुए है। इनमें से एक एक यूपीएससी अपॉइंटमेंट लेटर और दूसरा रेलवे रिक्रूटमेंट का अपॉइंटमेंट लेटर था। एक फर्जी पुलिस आईडी कार्ड जो दीपक कुमार रानावत के नाम से बनाया था, ताकि लोगों को दिखा सकते हैं कि मै दीपक कुमार राणावत हूं। दो मोबाइल भी बरामद हुए हैं। मुनफेद ने कबूल किया कि ये सभी पैसे उसने नौकरी दिलाने के नाम पर लिए और इस पूरी प्रक्रिया में उसने उपनिरीक्षक दीपक कुमार राणावत के परिचय पत्र और उनके फेक फेसबुक अकाउंट का इस्तेमाल किया।
मुनफेद इन लोगों को लगा चुका है चूना
अनीता यादव (जिला मैनपुरी)ः 16,00,000/- (सोलह लाख रुपये)
पूनम अरेला (जिला आगरा)ः 50,000/- (पचास हजार रुपये)
कविता जायसवाल (पलवल, हरियाणा)ः ज्वैलरी (जो उसके पास से बरामद हुई है)
उदिता शर्मा (जिला मथुरा)ः 27,00,000/- (सत्ताईस लाख रुपये)
प्रीती जाटव (जिला बलिया)ः 30,000/- (तीस हजार रुपये)
रिकी यादव (टुंडला, जिला आगरा)ः 30,000/- (तीस हजार रुपये)

