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पुलिस के निशाने पर कचहरी के वकील, दो दिन में एक वकील की पिटाई, दूसरे से दुर्व्यवहार

वकीलों के साथ हुई घटना के बाद गरमाई कचहरी, पुलिस कमिश्नर कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन

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लालपुर पुलिस चौकी में दरोगा थाने वकील को पीटा, हरहुआ में वकील का मोबाइल छीना गया

वाराणसी, भदैनी मिरर। वैसे तो पुलिस महकमे के भ्रष्टाचार, दबंगई और मनमानेपन की समय-समय पर कलई खोलनेवाले पत्रकार और कोर्ट में पुलिसकर्मियों के सामने तनकर खड़े रहनेवाले वकील अक्सर पुलिसवालों के निशाने पर रहते हैं। पुलिसवाले मौका मिलते ही बदला लेने या अपनी भड़ास निकालने से चूकते नही हैं। इस बार वाराणसी में एक बार फिर वकील पुलिसकर्मियों के निशाने पर आ गये हैं। अभी पांडेयपुर-लालपुर थाने की लालपुर पुलिस चौकी पर अपनी समस्या लेकर पहुंचे वकील अरविंद शर्मा को रविवार की शाम को दरोगा ने थप्पड़ मारा था और 24 घंटे भी नही हुए कि हरहुआ में कचहरी आ रहे एक वकील से दरोगाओं और सिपाही ने फिर दुर्व्यवहार कर दिया। दोनों की मामलों का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी होने के बाद पुलिस अधिकारियों ने सम्बंधित दरोगाओं व पुलिसकर्मी को लाइनहाजिर कर दिया हैं। लेकिन वकील इससे कत्तई संतुष्ट नही है। उनका कहना है कि दरोगाओं और पुलिसकर्मी ने यह जानने के बाद कि वह वकील हैं, इसके बावजूद पिटाई और दुर्व्यवहार की घटनाएं हुईं। इस मामले में सोमवार को वकीलों ने पुलिस कमिश्नर कार्यालय को घेर लिया। दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। वकीलों का कहना है कि यदि संतोषजनक कार्यवाही नही हुई तो आंदोलन बड़ा होगा।

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अधिवक्ता अरविंद शर्मा 15 जून को लालपुर चौकी गये थे। उनका कहना है कि उनकी जमीन पर कब्जा हो रहा था और इसकी शिकायत लेकर वह वहां पहुंचे थे। इससे पहले उनके विपक्षी उसी चौकी के चौकी प्रभारी के पास बैठे थे। आरोप है कि विपक्षियों के सामने दरोगा ने अरविंद शर्मा को कालर पकड़कर खींचा और थप्पड़ों से मारकर भगा दिया। उसी समय अरविंद शर्मा के साथ मौजूद कुछ लोगों ने घटना का वीडियो बना लिया और उसे वायरल कर दिया। वकील को थप्पड़ मारने का वीडियो वायरल होते ही अफसरों को समझ में आ गया कि दूसरे दिन कचहरी गर्माने वाली है।

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आनन फानन में डीसीपी वरूणा जोन ने चौकी इंचार्ज आदित्य सेन सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। अब इधर, सोमवार की सुबह कचहरी खुलते ही पिटाई से नाराज वकील आपे से बाहर हो गये। वकीलों का जत्था पुलिस प्रशासन विरोधी नारेबाजी करते हुए पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर धरने पर बैठ गया। अब वकील दरोगा के खिलाफ मुकदमा और विभागीय जांच की मांग पर अड़ गये हैं। अभी यहां धरना-प्रदर्शन की तैयारी ही चल रही थी कि उधर, अपनी कार से कचहरी आ रहे वकील अलीम खां को बड़ागांव थाने की हरहुआ चौकी प्रभारी और उनके सिपाही ने रोक लिया। बातचीत के दौरान वकील दरोगा की वीडियो बनाने लगे तभी सिपाही ने वकील का मोबाइल छीन लिया। बहस से दौरान वकील से दुर्व्यवहार भी किया गया।

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जब इसकी जानकारी भी कचहरी में वकीलों को हुई तो मामला और गरमा गया। हालांकि हरहुआ चौकी के दरोगा और सिपाही के भी लाइन हाजिर किये जाने की खबर आ रही है। उधर, वकीलों का कहना है कि लाइन हाजिर कोई सजा नही है। यह पुलिस अफसरों का पुराना हथकंडा है। एक थाने या चौकी से दरोगा व पुलिसकर्मियों को हटाकर कुछ दिनों बाद फिर दूसरी चौकी या थाना दे दिया जाता है। इस मामले में बाकायदा एफआईआर होनी चाहिए। कार्यवाही करनी है तो उन्हें निलम्बित किया जाय। नहीं तो पुलिसकर्मियों का मनोबल ऐसे ही बढ़ता जाएगा। पुलिस कमिश्नर कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन में अनूप कुमार सिंह, आशीष सिंह, दीपक राय कान्हा, कौशलेंद्र सिंह, विकास दुबे, अभिषेक प्रताप, आशीष सिंह, रविंद्र यादव, प्रमोद सिंह, अतुल श्रीवास्तव, दुर्गा सेठ समेत अन्य अधिवक्ता रहे।
 

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