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आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में पति को 5 साल की सजा, अदालत ने लगाया 20 हजार रुपए जुर्माना

वाराणसी की अदालत में सुनाया फैसला | दहेज उत्पीड़न के चलते विवाहिता ने दी थी जान |

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वाराणसी। विवाहिता को मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना देने और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अदालत ने दोषी पति को दंडित किया है। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम प्रथम) अवधेश कुमार की अदालत ने बेनीपुर, मिर्जामुराद निवासी अभियुक्त राजकुमार पटेल को पांच वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता श्रवण कुमार रावत तथा वादी पक्ष के अधिवक्ता सर्वेन्द्र कुमार सिंह ने पैरवी की।

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क्या था मामला?

वादी द्वारा अदालत के आदेश पर थाना मिर्जामुराद में दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार, मृतका की शादी अभियुक्त राजकुमार पटेल से हुई थी। शादी के बाद से ही पति द्वारा दहेज में मोटरसाइकिल और एक लाख रुपए की मांग की जाती थी, जिसके कारण विवाहिता को लगातार मारपीट और उत्पीड़न झेलना पड़ा।

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3/4 फरवरी 2008 की रात वादी को सूचना मिली कि उसकी बेटी को ससुराल वालों ने गंभीर रूप से मारपीट कर जान से मार दिया। मौके पर पहुंचने पर विवाहिता का शव घर के बाहर पड़ा मिला, साथ ही उसके शरीर पर चोट और गला दबाए जाने के निशान पाए गए।

वादी की शिकायत के बावजूद पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर पीड़ित परिवार ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया।

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अदालत का फैसला

थाना मिर्जामुराद में पंजीकृत केस नंबर 89/08, धारा 306 भादवि के तहत सुनवाई के बाद अदालत ने अभियुक्त राजकुमार पटेल को दोषसिद्ध पाया और उसे 5 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

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