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मारपीट व दलित उत्पीड़न के मामले में मिली अंतरिम जमानत, जाने क्या है मामला

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Adv Anuj Yadav
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विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) देवकांत शुक्ला की अदालत ने आरोपित दिनेश मौर्या को 25- 25 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.

वाराणसी,भदैनी मिरर। दीवार तोड़ने का विरोध करने पर दलित महिला को घर में घुसकर मारने-पीटने के मामले में आरोपित को कोर्ट से राहत मिल गई. विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) देवकांत शुक्ला की अदालत ने आरोपित दिनेश मौर्या को 25- 25 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. साथ ही नियमित जमानत के लिए अगली तिथि 20 मार्च नियत कर दी. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव व रवि तिवारी ने पक्ष रखा.

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अभियोजन पक्ष के अनुसार दनियालपुर, सारनाथ निवासिनी रीता देवी ने सारनाथ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरोप था कि प्रार्थिनी का उसकी जमीन पर प्रधान मंत्री आवास योजना से मकान बनवाने का पैसा आया हुआ था, जिससे वह अपने जमीन पर निर्माण करवा रही थी. उसी दौरान पड़ोस में रहने वाला दिनेश मौर्या अपने साथ छः लडको को लेकर 19 जुलाई 2022 को सुबह 10 बजे मेरे घर में घुस आए और उनलोगों द्वारा विना कुछ पूछताछ किए घर मे घुस कर निर्माण किए गए दिवार को गिरा दिया गया. इस दौरान घर मे कोई भी पुरुष नहीं थे. जिस पर घर की महिलाओ ने विरोध किया तो दिनेश मौर्या और उसके साथ आए लोग महिलाओं को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली गलौज देने के साथ ही मारने पीटने लगे. शोर सुनकर जब आसपास के लोग जुटने लगे तो सभी हमलावर मकान न बनवाने के चेतवानी व बात न मानने पर जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग निकले. इसी मामले में आरोपित ने अपने अधिवक्ताओं के साथ अदालत में समर्पण कर जमानत के लिए अर्जी दी थी.

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