
कम्पनी के आडिटर को बंधक बनाकर पीटा, पांच लाख फिरौती मांगने का आरोप
एक लाख रूपये देने पर दबंगों के चंगुल से मुक्त हुआ पटना का रहनेवाला आडिटर




पुलिस कमिश्नर को दूसरी बार प्रार्थना पत्र देकर लगाई न्याय की गुहार
वाराणसी, भदैनी मिरर। पटना (बिहार) के एक कम्पनी के आडिटर प्रकाश चंद्र यादव ने गुरूवार को पुलिस कमिश्नर को प्रार्थना पत्र देकर गुटखा व्यापारी और अन्य लोगों पर बंधक बनाकर मारने-पीटने और फिरौती मांगने का आरोप लगाया है। प्रकाश चंद्र और उनके वकील शैलेन्द्र सिंह का कहना है कि इससे पहले भी वह पुलिस अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई। जांच के नाम पर मामले को लटकाया जा रहा है। जबकि दबंग उन्हें आयेदिन जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।

प्रकाश चंद्र और उनके वकील का कहना है कि नवोदित फाउंडेशन की आशापुर में शाखा है। कम्पनी की आडिट के दौरान गड़बड़ी मिली। इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी कम्पनी के आला अधिकारी को दी। उनका कहना है कि पिछले 13 मई को उन्हें वाराणसी शाखा में बुलाया गया। दिनभर उन्हें बैठाए रखा गया। इसके बाद उन्हें एक निर्माणाधीन भवन में ले जाकर दो दिन तक बंधक बनाकर रखा गया। इस दौरान उनकी पिटाई की गई। दबंगों ने उन पर चोरी का आरोप लगाया जबकि उनका काम सिर्फ आडिट करना है। उनसे पांच लाख रूपये फिरौती मांगी गई।


इसके बाद उन्होंने अपने श्वसुर को फोन कर उनसे एक लाख रूपये मंगवाए और दबंगों को दिया। किसी तरह वह दबंगों के चंगुल से 17 मई को मुक्त हो पाये। अब दबंग उनको जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि उन्होंने एसीपी सारनाथ से इसकी शिकायत की थी। इस दौरान बताया गया कि मामले की जांच हो रही है। जबकि घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज आदि की जांच नही की गई, ताकि उनके आरोप की पुष्टि हो सके। उनका कहना है कि कोई कार्रवाई न होने से दबंगों का मनोबल बढ़ा हुआ है और वह जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। वकील का कहना है कि इससे पहले पुलिस कमिश्नर को 26 मई को भी प्रार्थना पत्र दिया था। कोई कार्रवाई नही हुई। अब दूसरी बार प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की गई है।


