काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक आचार्य टेकनारायण उपाध्याय ‘कुमारिल-शंकर संस्कृति संरक्षक सम्मान 2025’ से सम्मानित
कालजयी ग्रंथ ‘काशी विश्वनाथ दर्शन’ के लिए मिला राष्ट्रीय सम्मान, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में कुरुक्षेत्र गुरुकुलम ने किया सम्मानित
वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक एवं ज्योतिष तथा यजुर्वेद के मूर्धन्य विद्वान आचार्य टेकनारायण उपाध्याय को वर्ष 2025 के ‘कुमारिल-शंकर संस्कृति संरक्षक सम्मान’ से नवाजा गया है। यह प्रतिष्ठित सम्मान उनके कालजयी और शोधपरक ग्रंथ ‘काशी विश्वनाथ दर्शन’ के लिए प्रदान किया गया।



यह अलंकरण 12 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में कुरुक्षेत्र गुरुकुलम द्वारा प्रदान किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जगद्गुरु शंकराचार्य (ज्योतिष पीठ) स्वामी अवमुक्तेश्वरानंद सरस्वती थे, जिनकी उपस्थिति ने समारोह को और भी गरिमामय बना दिया।

आचार्य टेकनारायण उपाध्याय जी की विद्वता सर्वविदित है। वे बीएचयू, वाराणसी के वेद विभाग से गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं और लंबे समय से धर्म, अध्यात्म एवं सनातन संस्कृति पर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से लेखन करते रहे हैं। उनके कार्यों ने काशी की आध्यात्मिक धरोहर के संरक्षण और प्रचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इस सम्मान की घोषणा के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर परिवार, काशीवासी और धार्मिक-शैक्षणिक जगत में हर्ष का माहौल है। मंदिर के अर्चक डॉ. नीरज कुमार पांडेय, आचार्य ओम प्रकाश मिश्र, सारस्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो. विवेकानंद तिवारी सहित कई विद्वानों और श्रद्धालुओं ने आचार्य उपाध्याय को बधाइयाँ दीं।
‘कुमारिल-शंकर संस्कृति संरक्षक सम्मान’ भारतीय ज्ञान परंपरा, धर्मशास्त्र और सनातन संस्कृति के संरक्षण में विशिष्ट योगदान देने वाले विद्वानों को प्रदान किया जाता है। आचार्य टेकनारायण उपाध्याय का यह सम्मान काशी की परंपरा, धर्म और अध्यात्मिक नेतृत्व को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देता है।
