
छितौना कांड: क्षत्रिय नेताओं संग DM-DIG की बैठक, पुलिस ने 48 घंटे का मांगा समय, करणी सेना ने प्रदर्शन टाला
क्षत्रिय महासभा ने बैठक से किया वॉकआउट, अरविंद राजभर पर केस दर्ज करने की मांग




वाराणसी, भदैनी मिरर। छितौना कांड को लेकर सवर्ण संगठनों का गुस्सा लगातार उबाल पर है। सोमवार को जिलाधिकारी और डीआईजी के साथ करणी सेना और क्षत्रिय महासभा की मैराथन बैठक हुई। साढ़े दो घंटे तक सर्किट हाउस में चली इस बैठक में पुलिस प्रशासन ने निष्पक्ष जांच और 48 घंटे में कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
करणी सेना ने आश्वासन के बाद मंगलवार को चौबेपुर में होने वाला प्रदर्शन स्थगित कर दिया, लेकिन क्षत्रिय महासभा बैठक से वॉकआउट कर गई। उनका कहना है कि अब सिर्फ आश्वासन नहीं, कार्रवाई चाहिए।
करणी सेना ने रखी अरविंद राजभर पर केस की मांग
करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह रघुवंशी ने डीएम-डीआईजी के सामने स्पष्ट तौर पर कहा कि सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर द्वारा करणी माता, सवर्ण समाज और क्षत्रिय समुदाय के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया। उनके खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज किया जाए, अन्यथा बड़ा जनांदोलन होगा।
क्षत्रिय महासभा ने दी आर-पार की चेतावनी
बैठक में जब करणी सेना प्रदर्शन स्थगित करने को राजी हो गई, तो क्षत्रिय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह नाराज़ हो गए और बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल गए। उन्होंने ऐलान किया कि वह किसी भी कीमत पर मंगलवार को प्रदर्शन करेंगे। बोले– "स्वाभिमान से समझौता नहीं होगा, चाहे जेल क्यों न जाना पड़े।"


तनाव की जड़: अरविंद राजभर की छितौना में एंट्री
छितौना गांव में ठाकुर-राजभर समाज के बीच 5 जुलाई को खेत में गाय घुसने के विवाद के बाद मारपीट हुई थी। मंत्री अनिल राजभर के हस्तक्षेप से मामले ने और तूल पकड़ लिया। इसके बाद जब 12 जुलाई को सुभासपा नेता अरविंद राजभर पीड़ित पक्ष को चेक देने गांव पहुंचे, तो उन पर शक्ति प्रदर्शन और जातिगत अपशब्दों का आरोप लगा।
आरोप है कि अरविंद राजभर ने अपने समर्थकों के साथ गांव में करणी माता व ठाकुर समाज के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया और जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। यही वजह है कि करणी सेना और क्षत्रिय महासभा अब आर-पार के मूड में आ चुकी है।
मांगी 48 घंटे की मोहलत
पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है और 48 घंटे में कार्रवाई का आश्वासन दिया है। लेकिन हालात को देखते हुए प्रशासन के सामने मंगलवार को किसी भी टकराव को रोकने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।


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