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CDO ने उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी और अधिशासी अभियन्ता विद्युत का वेतन रोका 

पहले से सूचना के बावजूद नही उपस्थित हुआ बिजली विभाग का कोई अधिकारी

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CDO
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विकास भवन में किसान दिवस के दौरान मिली  शिकायत पर हुई कार्रवाई 

असामयिक वर्षा, आंधी, चक्रवाती तूफान से बीमित किसानों की क्षतिपूर्ति के निर्देश 

वाराणसी, भदैनी मिरर। मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की अध्यक्षता में बुधवार को विकास भवन सभागार में किसान दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान कृषि विभाग के साथ सिंचाई, लघु सिंचाई, सहकारिता, मत्स्य, उद्यान, नलकूप, पशुपालन, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, रेशम, यूपी नेडा, वन विभाग, पुलिस विभाग के अधिकारी और किसानों ने भाग लिया। 

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कैटिल कैचर के बारे में उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी नही दे सके जानकारी 

इस मौके पर विकास खण्ड हरहुआं, काशी विद्यापीठ, पिण्डरा, चोलापुर, चिरईगांव के किसानों ने छुट्टा पशुओं की समस्या बतायी। इसके बाद मौके पर उपस्थित उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. पवन कुमार सिंह से जानकारी चाही गयी कि सम्बन्धित विकास खण्डों में किस तिथि में कैटिल कैचर संचालित हुआ था। पवन सिंह इसकी जानकारी नही दे सके। इस पर उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. पवन कुमार सिंह के अप्रैल माह का वेतन रोकने का निर्देश दिया गया। साथ ही निर्देशित किया गया कि सम्बंधित विकास खण्डों में कैटिल कैचर के माध्यम से सभी छुट्टा पशुओं को पकडते हुए स्थिति से अवगत कराया जाय। 

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KISAN DIWAS

किसान के 1किलोवाट के घरेलू कनेक्शन पर हो रहा था 5किलोवाट का चार्ज

भोपापुर के किसान सुभाष चन्द्र वर्मा बताया कि 1 किलो वाट का उनका घरेलू कनेक्शन पर बिल 5 किलो वाट का चार्ज किया जा रहा है। उन्होंने इसकी शिकायत विद्युत विभाग में 5 बार की। इसके बाद भी समस्या का निस्तारण नही हो सका। किसान की शिकायत पर सम्बंधित विभाग के अधिकारी के बाबत पूछताछ हुई। पता चला कि विभाग का कोई अधिकारी सूचना के बावजूद किसान दिवस में हाजिर नही हुआ। इस पर अधिशासी अभियन्ता विद्युत (नोडल अधिकारी) हेमन्त कुमार सिंह के अप्रैल माह का वेतन रोकने का निर्देश दिया गया। साथ ही निर्देशित किया गया कि सम्बंधित किसान की समस्या का जल्द से जल्द निस्तारण कराया जाय। 

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आनलाईन मिले किसानों के 431 दावे 

इस मौके पर जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि असामयिक वर्षा, आंधी, चक्रवाती तूफान के कारण बीमित किसानों की फसल की क्षति का अब तक 431 दावा आनलाइन प्राप्त हुआ है। इसी क्रम में मौके पर उपस्थित एसबीआई जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी के जिला प्रबंधक पवन कुमार सिंह को निर्देशित किया गया कि अविलम्ब कृषकों का सर्वे कराकर क्षतिपूर्ति दिया जाय। इसी के साथ जिन ग्राम पंचायतों से क्षति की शिकायत प्राप्त हुई है और जितने कृषकों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराया गया है, उनके भी प्लाट का सर्वे कृषि विभाग के कर्मचारियों के साथ संयुक्त रूप से किया जाय। इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित किसानों से अपील की गई कि दैवी आपदा की स्थिति में फसल क्षति के 72 घण्टे के अन्दर भारत सरकार के टोल फ्री नम्बर-14447 पर शिकायत करें। आनलाइन शिकायत में यदि कोई असुविधा हो तो उप कृषि निदेशक या जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में लिखित रूप से सूचित कर दें। 

KISAN

अनुदान की दी गई जानकारी

इस दौरान सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। बताया कि योजनाओं से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने का प्रयास किया गया। उद्यान विभाग द्वारा बताया गया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना संचालित है, जिसमें किसान भाई खाद्य पदार्थ संबंधित कोई उद्योग लगा सकते हैं। इसमें परियोजना लागत का 35 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख का अनुदान देय है। इसी के साथ छृट्टा पशुओं से निजात के लिए सब्जी, फल, फूल की खेती करने वाले किसानों के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में फेन्सिग की योजना प्रस्तावित है। इस पर 50 प्रतिशत अनुदान है। इसके लिए उद्यान विभाग के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन किया जायेगा। इसमें किसी तरह की समस्या होने पर किसान कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं। 

29 वृक्षों की कटाई पर है प्रतिबंध

प्रभागीय वनाधिकारी के प्रतिनिधि ने बताया कि कुल 29 वृक्षों (आम, नीम, शाल, महुआ, बीजा शाल, पीपल, बरगद, गुलर, पाकड, अर्जून, पलास,बेल,चिरौंजी, खीरनी, कैथा, इमली, जामुन, असना, कुसुम, रीठा, भिलावा, तुमुन, सलई, हल्दू, बाकली/करधई, धौ, खैर, शीशम, सागौन) को कटाई हेतु प्रतिबंधित किया गया है। इनकी कटाई के लिए वन विभाग से अनुमति लेना आवश्यक है। इन 29 वृक्षों से भिन्न प्रजाति के निजी वृक्षों के कटाई,ढुलाई पर अनुमति की आवश्यकता नही है। मौके पर उपस्थित पुलिस विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जनपद के समस्त थानाध्यक्षों, कर्मचारियों को को इस आशय की जानकारी दी जाय कि अनावश्यक रूप से किसी किसान को उपरोक्त 29 वृक्षों से इतर अपने निजी वृक्ष के कटाई, ढुलाई में कोई असुविधा न उत्पन्न हो। 
 

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