कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर ने साधा राहुल गांधी, अखिलेश यादव पर निशाना
वाराणसी के सर्किट हाउस पहुंचे थे सुभासपा प्रमुख




ममता बनर्जी सरकार की कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल
कहा- ईडी किसी पार्टी की बनाई संस्था नहीं
वाराणसी, भदैनी मिरर। कभी सपा के साथ रहकर योगी, मोदी के खिलाफ बयान देने और अब फिर भाजपा से गलबहियां कर मंत्री पद पानेवाले सुभासपा प्रमुख और कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर बुधवार को वाराणसी सर्किट हाउस पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सत्ता धर्म निभाते हुए कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी, सपा मुखिया अखिलेश यादव समेत विपक्ष पर हमला बोला।

कांग्रेस के पास प्रदर्शन के अलावा कोई चारा नही
नेशनल हेराल्ड केस पर कहाकि कांग्रेस के पास विरोध प्रदर्शन के अलावा कोई चारा नही है। गौरतलब है कि आज ही कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को साजिश और राजनीति विद्वेष के तहत फंसाने का आरोप लगाते हुए जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था। इस दौरान कांग्रेस के जिला व महानगर के नेताओं ने राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन यहां के प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा था। इसी बात का राजभर जवाब दे रहे थे।

विदेशों में हवा लेने जाते हैं राहुल
ओमप्रकाश राजभर ने कहाकि जब यह लोग सत्ता में रहते हैं तो जनता को भूल जाते हैं, और जब सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो सड़कों पर प्रदर्शन करते हैं। राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहाकि वह विदेशों में हवा लेने जाते हैं और लौटकर यहां चुनाव लड़ने की तैयारी करते हैं। उन्होंने इसे जनभावनाओं के विपरीत बताया।

संविधान से चलती है ईडी
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) को समाप्त करने के बयान पर भी ओपी राजभर ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “ईडी किसी पार्टी की बनाई संस्था नहीं है, यह भारत के संविधान से संचालित होती है। इसे कांग्रेस ने नहीं, बल्कि संविधान ने स्थापित किया है और इसके अधिकारों में हस्तक्षेप उचित नहीं है। कैबिनेट मंत्री ने राणा सांगा, करणी सेना और सपा सांसद रामजी लाल सुमन के घर हमले से जुड़े मामले पर कहाकि महापुरुष किसी एक जाति, क्षेत्र या पार्टी के नहीं बल्कि देश और समाज के लिए होते हैं. सभी को उनका सम्मान करना चाहिए। इससे पहले ओपी राजभर के सर्किट हाउस पहुंचने पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग
ओपी राजभर ने कहाकि राजनीति में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने की प्रवृत्ति ठीक नहीं है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर कहाकि वहां अब राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत है। ममता बनर्जी की सरकार में वहां की कानून व्यवस्था चरमरा गई है। न्यायालय ने भी इस विषय पर गंभीर टिप्पणियां की हैं। केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। पश्चिम बंगाल में इससे पहले ही इस तरह की हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं।

