वाराणसी में 64 बीघा अवैध प्लॉटिंग पर चला बुलडोजर , VDA की कार्रवाई से कॉलोनाइजरों में हड़कंप
उपाध्यक्ष पूर्ण बोरा ने बोला - 200 स्थान चिन्हित , अवैध प्लॉट बेचने वालों की खैर नहीं
वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) ने शहर में अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन जोनों में फैली कुल 64 बीघा भूमि पर ध्वस्तीकरण अभियान चलाया। यह कार्रवाई उपाध्यक्ष पूर्ण बोरा के निर्देश और सचिव डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा की अध्यक्षता में प्राधिकरण की संयुक्त प्रवर्तन टीम के नेतृत्व में की गई। रविवार के दिन हुई व्यापक कार्रवाई से कॉलोनाइजरों में हड़कंप मचा हुआ है। यह अवैध रूप से प्लॉटिंग करने वाले कॉलोनाइजर अक्सर ग्राहकों को रविवार को हो बुलाकर प्लॉटिंग दिखाते है और बेचते है। रविवार को वीडीए कार्रवाई नहीं करेगी इस बात को लेकर उनमे निश्चिंतता थी।



प्राधिकरण के अनुसार, वाराणसी विकास क्षेत्र में कुल 200 अवैध प्लॉट चिन्हित किए गए हैं, जिन पर अब सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। टीम ने पहले नोटिस जारी किया और इसके बाद ध्वस्तीकरण कार्यवाही अमल में लाई।
उपाध्यक्ष ने बताया कि जोन 1 के शिवपुर क्षेत्र में चार स्थलों पर कार्रवाई की गई। जिसने तरना (पेट्रोल पम्प के पीछे) 32 बीघा अवैध प्लॉटिंग, सातोमहुआ (पावर हाउस के उत्तर) 6 बीघा, उंदी (सुतबलपुर) 0.796 बीघा, और अनौरा (गोसाईपुर) में 4.5 बीघा अवैध प्लॉटिंग में वीडीए का बुलडोजर गरजा है।

इन सभी स्थानों पर बिना लेआउट स्वीकृति के प्लॉट विकसित किए जा रहे थे। नोटिस जारी होने के बाद धारा–27 (1) के तहत ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई।
ऐसे ही जोन–2 सारनाथ क्षेत्र में आठ स्थलों पर कार्रवाई की गई है। जिनमें हिरावानपुर हवेलिया क्रॉसिंग, सिंहपुर रिंग रोड, अरिहंत नगर कॉलोनी, उदयपुर सहित कई स्थान शामिल है। सारनाथ क्षेत्र में कुल लगभग 10.33 बीघा में अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त की गई।

इसी प्रकार जोन–3 (दशाश्वमेध क्षेत्र) में मोहनसराय, मिल्किचक में लगभग 5 बीघा में अवैध प्लॉटिंग का ध्वस्तीकरण किया गया। इस दौरान मौके पर वरिष्ठ अधिकारी- अपर सचिव डॉ. गुडाकेश शर्मा, नगर नियोजक प्रभात कुमार, जोनल अधिकारी सौरभ जोशी व अन्य अभियंता मौजूद रहे।
आम जनता के लिए महत्वपूर्ण निर्देश
VDA उपाध्यक्ष ने शहरवासियों से अपील की है- प्लॉट खरीदने से पहले लैंड यूज़ की जांच अवश्य करें। पहुंच मार्ग की चौड़ाई 9 मीटर निर्धारित हो। प्लॉटिंग और बिक्री केवल स्वीकृत लेआउट के बाद ही करें। लेआउट जमा करने पर 7 दिनों के भीतर स्वीकृति मिल जाती है।
उपाध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि बिना मानचित्र स्वीकृत कराए निर्माण करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
